हिम न्यूज़ सोलन। लोकसभा निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत निष्पक्ष व पारदर्शी निर्वाचन सम्पन्न करवाने के लिए आज यहां व्यय निगरानी, उड़न दस्ता, वीडियो निगरानी, वीडियो अवलोकन व स्टेटिक निगरानी टीम के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने की।
अजय कुमार यादव ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को निर्विघ्न, पारदर्शी एवं त्रुटिरहित सम्पन्न करवाने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न टीमें गठित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह टीमें विभिन्न कार्यों के लिए स्वतंत्र रूप से एवं समन्वय के साथ कार्य कर निर्वाचन प्रक्रिया को समयबद्ध एवं त्रुटिरहित सम्पन्न करवाती हैं। उन्होंने कहा कि आज की इस कार्यशाला में विभिन्न टीमों को उनके उत्तरदायित्व एवं भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा इस दिशा में स्थापित दिशा-निर्देशों की पूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशी के व्यय की सीमा 95 लाख रुपए निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि नामांकन की तिथि से प्रत्याशियों के सभी खर्चे जोड़े जाते हैं। 50 हजार से अधिक की नकदी ले जाने पर संबंधित को उसके साक्ष्य देने होंगे। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए जो टीमें गठित की गई हैं, वह सभी एक-दूसरे का मोबाइल नंबर आपस में रखें और तालमेल से काम करें।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होते ही उड़न दस्ता टीम, स्टेटिक निगरानी टीम, वीडियो निगरानी टीम व वीडियो अवलोकन टीम का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उड़न दस्तों और स्टेटिक निगरानी टीम को अपनी रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करनी होगी। स्टेटिक निगरानी टीम ज़िला के मुख्य मार्गों, ज़िला व राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित करेगी व अवैध शराब, भारी मात्रा में नकदी, असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर नजर रखते हुए उसकी पूर्ण वीडियोग्राफी कर जांच करेगी।
अजय यादव ने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले दिन-प्रतिदिन के चुनाव खर्च की निगरानी के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव व्यय निगरानी तंत्र स्थापित किया जाता है। उम्मीदवार द्वारा निर्वाचन व्यय का दैनिक लेखा-जोखा रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि चुनाव व्यय का लेखा-जोखा परिणाम की घोषणा की तिथि से 30 दिनों के भीतर जमा करना आवश्यक है। अभियान अवधि के दौरान नियमित आधार पर इसकी निगरानी की जानी चाहिए ताकि प्रत्येक चुनाव खर्च का उचित और सही आकलन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा किए गए चुनाव खर्चों का निरीक्षण करने के लिए निर्दिष्ट निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आयोग द्वारा व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक या अधिक वीडियो निगरानी टीम तैनात की जाएगी जिसमें कम से कम एक अधिकारी और एक वीडियोग्राफर शामिल होंगे। यदि आवश्यक हो तो व्यय पर्यवेक्षक की अनुशंसा पर और टीमें भी तैनात की जा सकती हैं। सहायक व्यय पर्यवेक्षक द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में संवेदनशील घटनाओं और बड़ी सार्वजनिक रैलियों की वीडियोग्राफी की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की जाएगी। यदि एक ही दिन में एक से अधिक सार्वजनिक रैली आयोजित की जाती है, तो जुलूस और रैली को रिकॉर्ड करने के लिए एक से अधिक वीडियो टीमें तैनात की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सभी टीमों का गठन एवं तैनाती भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी टीमें नियमानुसार कार्य करें और निर्वाचन प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाने में सहयोग दें। इस अवसर पर तहसीलदार निर्वाचन सोलन ऊषा चौहान, नायब तहसीलदार दीवान सिंह ठाकुर सहित पांचों विधानसभा क्षेत्रों में बनाई गई विभिन्न टीमों के अधिकारी उपस्थित थे।