स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए, 31 मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही और वार्षिक वित्तीय परिणाम कल घोषित किए हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, कंपनी ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन और विक्रय दर्ज किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अब तक का सर्वाधिक 1,03,473 करोड़ रुपये का कारोबार करने के साथ ही 22,364 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया है।
सेल ने यह शानदार प्रदर्शन स्टील की मांग में बढ़ोत्तरी और सकारात्मक बिजनेस के माहौल के चलते किया है, जो बाज़ार में उभरते हुए अवसरों को हासिल करने के लिए उत्पादन बढ़ाने और तकनीकी-आर्थिक मापदंडों को बेहतर करने की दिशा में सामूहिक और ठोस प्रयासों का नतीजा है।
मुख्य बिन्दु :
वित्त वर्ष 2021 -22 के दौरान:
- बेहतरीन ऑपरेशनल परफ़ार्मेंसके कारण वित्तीय प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार।
- प्रचालनसे अब तक का सर्वाधिक 1,03,473 करोड़ रुपये का कारोबार
- 22,364 करोड़ रुपये काEBITDA, कर-पूर्व लाभ(पीबीटी) 16,039 करोड़ रुपए और कर पश्चात लाभ (पीएटी) 12,015 करोड़ रुपए
- उधारी कम करने काअभियान जारी है। 31.03.2022 की तारीख में उधारी 13,400 करोड़ रुपये से नीचे आ गई।
- सेल हितधारकोंके साथ सक्रिय भागीदारी पर केंद्रित है, जिसमें शामिल हैं:
Ø शेयरधारकों के साथ लाभ का बंटवारा, कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2.25 रुपया अंतिम लाभांश घोषित किया। सेल ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक का सबसे अधिक लाभांश यानी 8.75 रूपया प्रति शेयर घोषित किया, जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पहले से भुगतान किए गए दो अंतरिम लाभांश शामिल हैं।
Ø वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सेल सभी CPSEs में GeM पर सबसे बड़े खरीदार के रूप में उभरा।
Ø सेल ने राष्ट्रीय महत्व की विभिन्न परियोजनाओं जैसे सेंट्रल विस्टा दिल्ली, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस, पोलावरम सिंचाई परियोजना, कालेश्वरम सिंचाई परियोजना, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, देश भर में कई मेट्रो रेल परियोजनाओं आदि के लिए स्टील की आपूर्ति की है।
Ø सेल ने 1.3 लाख टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की, मुख्य रूप से COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान। सेल संयंत्रों ने अलग जंबो कोविड केयर फेसिलिटीज़ की स्थापना की, जिससे COVID 19 डेडीकेटेड बेड्स की संख्या बढ़ी।
Ø कार्मिकों के लिए वेज रिविज़न लागू किया।
वित्त वर्ष 2021-22 का यह रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन संगठन के आपसी सुचारु तालमेल का नतीजा है; हालांकि, चौथी तिमाही के नतीजों को इनपुट लागतों में अभूतपूर्व वृद्धि, विशेष रूप से विभिन्न कारणों से आयातित कोकिंग कोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते पूरी तरह से अछूता नहीं रखा जा सका।
चुनौतियों के बावजूद, कंपनी ने लागत को नियंत्रित करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं। कंपनी आगे बढ़ते हुए, अपनी प्रक्रियाओं और प्रोडक्ट बास्केट में निरंतर सुधार के लिए विभिन्न उपाय के जरिये अधिक इनपुट लागत और बाजार मूल्य अस्थिरता की दोहरी चुनौतियों का सामना करने करने के लिए योजना पर कार्य कर रही है।