हिम न्यूज़-हिमाचल प्रदेश ने महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में उल्लेखनीय प्रगति की है। हिमाचल लैंगिक समानता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश का अग्रणी राज्य बना है। राज्य सरकार लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दे रही है ताकि प्रदेश की महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकंे। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में जेंडर बजट स्टेटमेंट का प्रावधान किया है।
राज्य सरकार ने जेंडर बजट स्टेटमेंट के सफल क्रियान्वयन द्वारा महिलाओें के लिए लैंगिक समानता सुनिश्चित कर प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक प्रयास किए हैं। जेंडर बजट स्टेटमेंट, जंेडर रिस्पोंस बजट का एक प्रावधान है, जिसका उद्देश्य विभिन्न संसाधनों का समान लैंगिक वितरण सुनिश्चित करना है, साथ ही जेंडर बजट स्टेटमेंट के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से महिलाओं के लिए क्रियान्वित की जा रही नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रभाव का विश्लेषण करना है। जेंडर बजट स्टेटमेंट लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के साथ महिलाओं के कल्याण व उत्थान के लिए बजट संसाधनों का श्रेष्ठतम उपयोग सुनिश्चित करेगा तथा जेंडर आधारित बजट के प्रभाव का मूल्याकंन भी करेगा।
जेंडर बजटिंग लैंगिक असमानता को कम करने और सभी को एक समान अवसर प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। लैंगिक असमानता को कम करने के लिए हर विभाग की भागीदारी महत्त्वपूर्ण है।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों में जेंडर बजट सैल गठित किए गए हैं। जेंडर बजट सैल एक संस्थागत प्रणाली है जो सरकारी बजट में जेंडर विश्लेषण के एकीकरण की सुविधा प्रदान करती है।
विभागों द्वारा स्थापित किए गए जेंडर बजट सैल के मार्गदर्शन के लिए प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान, राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग और संयुक्त राष्ट्र महिला भारत, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान से कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के हितधारकों की सहायता के लिए कार्यशालाएं, प्रशिक्षण मॉडयूल, सूचना पुस्तिकाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं ताकि विभागों द्वारा जेंडर बजट स्टेटमेंट का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
प्रदेश सरकार द्वारा जेंडर बजट स्टेटमेंट का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कर महिलाआंे और लड़कियों के विकास के उत्थान के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। जेंडर बजट स्टेटमेंट के माध्यम से विभिन्न विभागों के वित्तीय प्रदर्शन की निगरानी तथा धनराशि का योजनानुसार उपयोग का आकलन भी किया जा रहा है। इसके माध्यम से लैंगिक संवेदनशील नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में बजट आबंटन व उपलब्धता का आकलन करने और प्रदेश में लैंगिक समानता की स्थिति को बढ़ाने में भी सहायता मिल रही है।