हिम न्यूज-राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने कृषि क्षेत्र प्रोत्साहन कोष के तहत अनुदान मोड के तहत निम्नलिखित 5 परियोजनाओं के लिए 65,61,885.00 रुपये की राशि मंजूर की है।
सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र,नगरोटा बगवां द्वारा जिला कांगड़ा और चंबा में हिमाचल प्रदेश के किसानों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शहद,पराग और मधुमक्खी के उत्पादन के लिए स्थिरता के लिए कौशल विकास और मधुमक्खी पालन में सुधार करना।
जी.बी. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा लाहौल और स्पीति,हिमाचल प्रदेश में लाहौल और स्पीति घाटी में सीबकथॉर्न (हिप्पोफे रमनोइड्स) के मूल्य वर्धित उत्पादों के माध्यम से उद्यमिता और आजीविका का विकास करना।
मानव विकास संस्थान बिलासपुर द्वारा जिला बिलासपुर,हिमाचल प्रदेश के झंडुता प्रखंड में रेशम उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण गरीबों की आजीविका में वृद्धि।
हिमालयी वन अनुसंधान संस्थान द्वारा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के चयनित वन रेंज में समुदाय आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से देशी परागणकों और उनके खाद्य पौधों के संरक्षण के लिए प्रथाओं को बढ़ावा देने पर क्षमता निर्माण।
सर्व हिमालया सोसाइटी द्वारा उत्पादकता बढ़ाने के लिए सेब के पेड़ों के छत्र प्रबंधन पर जिला किन्नौर के सेब उत्पादकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।
इन परियोजनाओ के कार्यान्वित होने के पश्चात हिमाचल प्रदेश के 1340 किसानों को प्रशिक्षित कर राज्य में मधुमक्खी पालन, सेव के उत्पादन एवं रेशम उत्पादन के क्षेत्र में लाभ मिलेगाद्य उम्मीद है कि स्वयं सहायता समूहो को इन प्रशिक्षणों द्वारा सुदृढ़ किया जा सकेगा एवं हिमाचल में प्राकृतिक खेती के प्रयासो को बढ़ावा मिलेगा।