हिम न्यूज़- हिमाचल प्रदेश में मंकीपॉक्स वायरस से निपटने के लिए उपचारात्मक एवं निवारक उपायों को अपनाने के लिए प्रदेश के समस्त ज़िलों को निर्देशित किया गया है। यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यद्यपि प्रदेश में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, फिर भी यदि कोई व्यक्ति पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध अथवा ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आया हो और उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण जैसे; तेज़ बुखार और त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक फैलना),सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट और सूजे हुए लिम्फ नोड (लसीका ग्रंथि) दिखाई दें तो वह तुरंत चिकित्सीय सहायता ले ।
स्वास्थ्य प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि यह संक्रमण प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ, खांसने और छींकने से छूटे कण, यौन संपर्क या घावों के संपर्क में आने से, दूषित कपड़ों या प्रभावित व्यक्ति द्वारा प्रयोग की गयी वस्तुओं के छूने से यह वायरस फैल सकता है।
यदि कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसे अलग कमरे में आइसोलेट किया जाना चाहिए । संक्रमित व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना चाहिए और त्वचा पर घावों को चादर या गाउन से ढंकना चाहिए । इसकी जानकारी तुरंत निकटतम स्वास्थ्य संस्थान को दें। संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, कपड़े या तौलिये जैसी दूषित सामग्री के संपर्क में आने से बचें । साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करके हाथों की स्वच्छता बनाए रखें ।
इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि सहरुग्णता व कम इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में मंकीपॉक्स के संक्रमण के गंभीर प्रभाव पड़ने की अधिक संभावना रहती है। अभी हाल ही में दिल्ली में आये मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति की प्रदेश में मौजूदगी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से सम्पर्क किया गया है। समुचित जानकारी मिलने पर दिशा निर्देशों के मुताबिक़ कार्यवाही की जायेगी।
मंकीपॉक्स को लेकर भ्रमित अथवा भयभीत न हो, सही व तथ्याधारित जानकारी प्राप्त कर सुझाए गये मंकीपॉक्स वायरस अनुरूप व्यवहार कर संक्रमण की संभावनाओं को नियंत्रित करने का प्रयास करें । किसी भी प्रकार के उक्त लक्षण अनुभव करने पर तुरन्त चिकित्सीय परामर्श लें, ये लक्षण किसी अन्य रोग के भी हो सकते हैं , इसलिए आवश्यकता सजगता, सतर्कता व संयम बनाये रखने की है।