हिम न्यूज़, शिमला : भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक समूचे राष्ट्र से क्षय रोग के उन्मूलन हेतु लक्ष्य निर्धारित किया है, इस संकल्प की पूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है | प्रदेश में क्षय रोग उन्मूलन के लिए अनन्य गतिविधियों के अनुक्रम संचालित लिए जाते रहें हैं, जिनके परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश पूर्व में राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल रहा था |
इस कार्यक्रम को और अधिक सबल करने के उद्देश्य से प्रदेश में “निक्षय मित्र अभियान” के तहत ज़िला स्तर पर विभिन्न विभागों, संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों व व्यक्ति विशेष के साथ सामंजस्य स्थापित कर सशक्त निक्षय मित्रों को प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें व कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं |
यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हि.प्र. व ज़िला प्रशासन ऊना ने उद्योग विभाग के सहयोग से उपायुक्त राघव शर्मा की अध्यक्षता में स्थानीय उद्योग संघ के साथ कॉर्पोरेट वचनबद्धता के लिए परामर्श बैठक का आयोजन किया ।
निगमित सामाजिक दायित्व के तहत टी.बी. मामलों को सामने लाने और रोग उन्मूलन के लिए टी.बी. रोगियों के लिए स्वच्छता किट का वितरण किया जाएगा | ऊना ज़िला हिमाचल प्रदेश में टी.बी. रोगियों के लिए स्वच्छता किट वितरित करने वाला पहला जिला है ।
विभागीय प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला में एक्स-रे कंपनी “रेमेडी” ने पोर्टेबल हस्त चलित चेस्ट एक्स-रे उपकरण का प्रदर्शन किया । एच.पी.सी.एल. कॉरपोरेट की स्थानीय इकाई ने इस मशीन को उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता जताई है ।
उपायुक्त ऊना ने जिला प्रशासन निधि से एक NAAT मशीन देने का निर्णय लिया है | डॉ. रविंदर डब्ल्यू.एच.ओ. सलाहकार ने “टीबी मुक्त ऊना के लिए कार्यस्थल और निगमित सामाजिक दायित्व हस्तक्षेप” पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और कॉर्पोरेट जुड़ाव के विभिन्न मॉडलों की व्याख्या की | उद्योग संघ ऊना ने टी.बी. रोगियों के 100% पोषण सहायता की सहमति व्यक्त की है ।
पोर्टल में सभी को निक्षय मित्र के रूप में पंजीकृत किया जाएगा, जिसके लिए रेड क्रॉस सोसाइटी इंटरफेस एजेंसी होगी । उद्योग संघ ने एक अतिरिक्त पोर्टेबल हस्त चलित चेस्ट एक्स-रे उपकरण और NAAT व पोर्टेबल एक्स-रे से सुसज्जित एक मोबाइल वैन देने का भी आश्वासन दिया ।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग विभाग के सीधे सहयोग से औद्योगिक इकाइयों में टी.बी. के सक्रिय मामलों के पता लगाने के लिए ACF अभियान का संचालन किया जाएगा । शीघ्र ही कार्यस्थल नीति को अंतिम रूप देकर उद्योगों में लागू किया जाएगा, उद्योग संघ ने निजी क्षेत्र में टी.बी. रोगियों को 15 दिनों के सवैतनिक अवकाश का आश्वासन दिया है ।
इस बैठक में संयुक्त निदेशक उद्योग, उद्योग संघ के पदाधिकारियों और 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया । विभिन्न विभागों, संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों व व्यक्ति विशेष के संयुक्त प्रयासों से हिमाचल प्रदेश को टी.बी. मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग के कदम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं ।