Breaking
गोंदपुर बुल्ला और भडियारां में मतदान प्रतिशतता बढ़ाने को लेकर ग्रामीण किए जागरूक         उपायुक्त का 'नशा मुक्त ऊना' बनाने के लिए सभी के समन्वित प्रयासों पर बल         सुखराम चौधरी का संजय अवस्थी पर पलटवार         मेमोरियल खेल कूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन         आवश्यक सेवाओं में तैनात व्यक्तियों को प्राप्त होगी डाक मतपत्र सुविधा: मुख्य निर्वाचन अधिकारी         उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने आज भुंतर मणिकरण सड़क का निरीक्षण किया         वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सभी वर्ग दुखी : कश्यप         विद्युत आपूर्ति बाधित         कांग्रेस पार्टी 50 वर्षों के शासन में भी नहीं कर पाई : बिंदल          आपदा में कहां गुम थे भाजपा नेता : कांग्रेस           भाजपा नेता यह भूल गए उनके कार्यकाल में प्रदेश में अव्यवस्था का आलम रहा         लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान कर्मियों की पहली रेंडमाइजेशन का आयोजन         लोकसभा का चुनाव राष्ट्रवादी शक्तियों और परिवारवादी शक्तियों के बीच : बिंदल         एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय होली में रिक्त सीटों के लिए 5 मई को होगी प्रवेश परीक्षा         एग्जिट पोल के प्रकाशन एवं प्रसारण पर एक जून तक प्रतिबंध: अमरजीत सिंह         एसडीएम अर्की यादविन्द्र पाल की अध्यक्षता में स्वीप टीम अर्की ने लगाया मतदाता जागरूकता शिविर         मतदाता सूची में नाम ढूंढना और नाम दर्ज करवाना हुआ आसान : डीसी         तकनीकी विवि ने बढ़ाई एचपीसीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि         कांग्रेस पार्टी विकास, पर्यटन, गरीब, महिला, युवा, किसान, बागवान विरोधी : बिंदल         प्रदेश की महिलाओं को हर हाल में दी जाएगी 1500 रुपए पेंशन : नरेश चौहान  

राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा कार्यक्रम बनाने, समन्वय और निगरानी के लिए डीआरएससी का गठन किया

हिम न्यूज़- परिवहन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम बनाने, समन्वय करने और निगरानी करने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति (डीआरएससी) का गठन किया है। उपायुक्त एवं जिला दण्डाधिकारी (पदेन) की अध्यक्षता वाली समिति राज्य सड़क सुरक्षा नीति के क्रियान्वयन एवं इसके अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्यों की निगरानी करेगी।

यह नियमित रूप से राज्य सड़क सुरक्षा परिषद (एसआरएससी) को जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं के विवरण पर अपडेट करेगी, जिसमें वाहन का विवरण, दुर्घटना का कारण, मौके की जांच का विवरण, सबूत, अपराधी और पीड़ितों का विवरण और उनकी नवीनतम स्थिति, चोट का प्रकार और प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करना आदि शामिल है।

उन्होंने कहा कि समिति सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता के लिए नेक व्यक्ति (गुड सेमेरिटन) की अवधारणा को बढ़ावा देगी। डीआरएससी जिला वेबसाइट पोर्टल और केन्द्रीय सड़क परिवहन और एवं राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल (http://morth-roadsafety.nic.in/edisha/index.aspx) के सार्वजनिक डोमेन पर मासिक आधार पर सड़क दुर्घटनाओं का डेटा प्रकाशित करेगी।

समिति जिला सड़क सुरक्षा योजना विकसित करेगी और जिलों में बड़े स्तर पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए एक आपातकालीन चिकित्सा योजना तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह बड़े स्तर पर होने वाली दुर्घटनाओं की फोरेंसिक जांच सुनिश्चित करेगी और पूर्व के केस लोड के अनुसार विभिन्न एम्बुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगी और इन एम्बुलेंसों के प्लेसमेंट को प्रतिक्रिया समय में सुधार करने और अस्पतालों को समय पर सौंपने में मदद करेगी।

समिति द्वारा पूर्व सूचना प्रणाली स्थापित करके तथा आपात स्थिति में बिस्तरों की उपलब्धता का पता लगाने के लिए अस्पतालों और एम्बुलेंस के बीच संपर्क भी सुनिश्चित किया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि डीआरएससी, आवश्यकताओं और सड़क सुरक्षा निधि में वितरण के लिए नोडल निकाय के रूप में कार्य करेगी तथा महत्वपूर्ण मामलों पर एसआरएससी के साथ संवाद भी स्थापित करेगी। यह राज्य की एसआरएससी/प्रमुख एजेंसी को नियमित रूप से जानकारी और सड़क सुरक्षा उपायों, विशेष रूप से प्रमुख दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, ब्लैक स्पॉट आदि की पहचान के संबंध में 4ई यानि इंजीनियरिंग, शिक्षा, प्रवर्तन और आपातकाल की सिफारिश करेगी।
उन्होंने कहा कि समिति राज्य सरकार को विभिन्न नियम और योजनाएं बनाने या उनमें संशोधन करने के लिए सुझाव भी देगी।

डीआरएससी वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कम से कम 15 दिन में एक बार अपनी बैठक आयोजित करेगी और महीने में कम से कम एक बार परोक्ष रूप से बैठक करेगी तथा विभिन्न गतिविधियों पर समय-समय पर विस्तृत रिपोर्ट भेजेगी।

पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी के प्रतिनिधि, एनएचएआई के परियोजना निदेशक, नगर निगम, शहरी निकाय और अधिसूचित प्राधिकरण के कार्यकारी अधिकारी, सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए कार्यरत कम से कम एक सिविल सोसाइटी संगठन या कोई अन्य गैर सरकारी संगठन तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी समिति के सदस्य होंगे और राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों (एमडीआर) के राजमार्ग प्रशासक सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।