हिम न्यूज़, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), अखिलेश्वर सिंह, ने गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से भेंट की। इस दौरान बैठक में समीर कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, नीरज वर्मा, प्रमुख सचिव विद्युत, असम सरकार और राजेश गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, एसजेवीएन भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान असम राज्य में ग्राउंड माउंटेड, फ्लोटिंग सोलर, बैटरी स्टोरेज और पायलट हाइड्रोजन प्लांट के विकास पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में एसजेवीएन की आगामी जल विद्युत परियोजनाओं में असम सरकार की इक्विटी भागीदारी के संबंध में गहरी दिलचस्पी से भी अवगत कराया। उन्होंने आगे बताया कि असम सरकार राज्य में जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एसजेवीएन के साथ एक संयुक्त उद्यम के गठन में भी रुचि रखती है।
असम राज्य में मौजूदा खाली भूमि और जल निकायों पर ग्राउंड माउंटेड सोलर और फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट विकसित करने की विशाल क्षमता है। असम सरकार ने एसजेवीएन को चरणबद्ध तरीके से राज्य के भीतर 5000 मेगावाट विद्युत परियोजना विकास का पता लगाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान नेपाल में एसजेवीएन के अरुण-3 पावर प्रोजेक्ट से विद्युत तथा सीपीएसयू योजना के माध्यम से उत्पादित सौर विद्युत की बिक्री के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
सिंह ने असम के विद्युत मंत्री, श्री बिमल बोरा, प्रबंध निदेशक, असम पावर जनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड, वीभू भूयांन और असम लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष, किशोर उपाध्याय के साथ भी बैठक की।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के प्रगतिशील नेतृत्व और केंद्रीय विद्युत मंत्री, आर. के. सिंह के मार्गदर्शन में, एसजेवीएन अपने पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण क्षमताएं जोड़ रहा है। एसजेवीएन ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित क्षमता प्राप्त करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन की यात्रा आरंभ की है। गत दो वर्षों में कई नई परियोजनाओं को हासिल करने के पश्चात, लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ वर्तमान में एसजेवीएन भारत के आठ राज्यों के साथ नेपाल और भूटान में विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। हाल ही में अर्जित की गई नई परियोजनाएं कंपनी को “वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता” के अपने साझा विजन को साकार करने की ओर अग्रसर कर रही हैं।