हिम न्यूज़, शिमला- शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बुक कैफे का संचालन आत्मनिर्भरता के एक नए मॉडल की शुरुआत है। इससे न केवल स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादांे के लिए बाजार मिलेगा बल्कि शहरवासियों को पढ़ने-लिखने के लिए एक बेहतर स्थान भी उपलब्ध होगा।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाए-एनयूएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं शिमला के नवनिर्मित बुक कैफे संचालित करेंगी। शहरी विकास मंत्री चौड़ा मैदान स्थित बुक कैफे के माध्यम से 17 सितंबर, 2022 को स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालन के मॉडल का शुभारम्भ करेंगे।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बुक कैफे का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा ‘‘चौड़ा मैदान और छोटा शिमला में हाल ही में बुक कैफे का उद्घाटन भी किया गया है जबकि संजौली तथा न्यू शिमला में काम चल रहा है। इन बुक कैफे को चलाने के लिए विभिन्न मॉडलों का अध्ययन किया और यह निर्धारित किया गया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं इन बुक कैफे को चलाएंगी।’’
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों को बाजार में स्थान देने का वादा किया था। महिलाएं न केवल अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने का काम करेंगी बल्कि बुक कैफे का प्रबंधन भी करेंगी।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि ‘‘शिमला में 200 से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं। नगर निगम शिमला का एन.यू.एल.एम. डिवीजन स्वयं सहायता समूहों के साथ समन्वय करेगा और काम में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।’’
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा महिलाओं को सशक्त करने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पर बल दिया है। शहरी गरीबों का जीवन कठिन होता है क्योंकि उनके पास कृषि भूमि नहीं है और आजीविका के अवसर भी सीमित हैं। यह योजना कई लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के मेलों व प्रदर्शनियों में महिलाओं द्वारा मार्केटिंग का मुद्दा उठाया जाता था। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर पहले से ही काम किया जा रहा है और इनको एक बाजार उपलब्ध करवाने की दिशा में बुक कैफे एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। बुक कैफे न केवल इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बल्कि पढ़ने-लिखने वालों के लिए भी एक बेहतर मॉडल साबित होगा। चौड़ा मैदान का बुक कैफे विधानसभा के पास स्थापित पुस्तकालय के भार को कम करने में मददगार साबित होगा और बच्चों को पढ़ने-लिखने का स्थान भी मिलेगा।
सुरेश भारद्वाज ने कहा ‘बुक कैफे को लेकर विभिन्न प्रकार के विकल्पों पर विचार किया गया, लेकिन इन स्थानों का व्यवसायीकरण न हो इसलिए महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा इनका प्रबंधन करने का निर्णय लिया गया है।’
शहरी विकास तथा सहकारिता मंत्री ने कहा कि वह इन स्वयं सहायता समूहों के लिए एक सहकारी मॉडल पर भी विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा नारी सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कार्य किया गया है। अब समय आ गया है कि इन समूहों को सम्बद्ध किया जाए और एक ऐसा समूह बनाया जाए जहां कम से कम सरकारी मदद की जरूरत हो और महिलाएं आत्मनिर्भरता के मॉडल की ओर बढ़ें।