हिम न्यूज़ पालमपुर :- जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कंडी इलाके में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में बलिदानी नायक अरविंद कुमार कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पैतृक बालकोट शमशान घाट में किया गया। शहीद के भाई भूपिंदर कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी।
बलिदानी अरविंद कुमार अपने पीछे माता निर्मला देवी, पिता उज्ज्वल सिंह, धर्मपत्नी बिंदु देवी, दो बेटियां 4 वर्षीय शानवी और 2 वर्षीय शानविका छोड़ गये हैं।
कांगड़ा जिले के सुलह के सूरी (मरहूँ) इलाके के बलिदानी अरविंद कुमार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव वापिस लाया गया। मुख्यमंत्री की ओर से कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार चौधरी ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्य संसदीय सचिव शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल, सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विकास बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान, पूर्व विधायक जगजीवन पॉल, उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल, एसपी शालिनी अग्निहोत्री, सलीम सलीम आजम ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
सेना की ओर से डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर एम एस बैंस, कर्नल एमएस रावत कर्नल आशुतोष कर्नल शैलभ सहित सैन्य अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार चौधरी, सीपीएम आशीष बुटेल हिमाचल प्रदेश कृषि विकास बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान ने बलिदानी अरविंद कुमार के घर में उसके परिजनों से भेंट कर घटना पर गहरा दुख जताया और शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
कृषि मंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार परिवार के साथ है। उन्होंने सरकार की और से हर सम्भव सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बलिदानी की धर्मपत्नी को सरकारी क्षेत्र में नौकरी देने का आश्वासन दिया और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरहूँ का नामांकरण बलिदानी अरविंद के नाम पर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से राहत के रूप में 5 लाख परिवार को एसडीएम के माध्यम से उपलब्ध करवा दिया गया है।
उन्होंने राजौरी में आतंकवादियों से मुठभेड़ में बलिदान हुए सेना के सभी जवानों के बलिदान पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि देश उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखेगा।