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डॉ यशवंत सिंह परमार जी की 116वीं जयंती पर नाहन में आयोजित किया कवि सम्मेलन

हिम न्यूज़,  नाहन- भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला सिरमौर ने डॉ यशवंत सिंह परमार जी की 116वीं जयंती पर एस एफ डी ए हॉल नाहन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें सिरमौर से लगभग डेढ़ दर्जन साहित्यकारों/कवियों ने भाग लिया तथा अपनी अपनी कविताएं पढ़ी। इस कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ ईश्वर दास राही जी ने मंच का संचालन किया।

जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि कवि गोष्ठी में नवोदित कवि शिव प्रकाश पथिक ने पहाड़ी कविताएं पढ़ी। दीप चंद कौशल जी ने हिमाचल निर्माता करते है हम, करते है तुम को सलाम, कविता से समा बांधा। लायक राम भारद्वाज ने कैसा होला हाट्टी की माटी रा सुधार कविता पढी।

ईश्वरदास राही ने संघर्ष से बनी हिमाचल की दास्तान कविता पढ़ी। विजय रानी बंसल ने रतनगर्भा चंहालग की धरती का श्रृंगार, हिमाचल का गौरव गरीबों का यार नामक कविता से परमार जी को श्रृद्धांजलि अर्पित की। अनीता भारद्वाज ने अलौकिक सुगंध लिए उपजा एक मानव पुष्प, गरीबों का मसीहा बन, अवतरित एक युगपुरुष कविता से परमार जी को याद किया। शिव प्रकाश पथिक ने पहाड़ी कविता ऐसी ओशो है पहाड़ी कविता पढ़ी।

मीनाक्षी वर्मा ने करोना पर एक कविता पढ़ी। चिर आनंद जी ने उस और है गिरीगंगा, इस और है जलाल, जल बहते हैं परमार जी की जन्म भूमि जिसे आप हम चंहालग कहते हैं से परमार जी को याद किया। रविता देवी ने अपाहिज कुर्सी सरकारी दफ्तर में लगी अपाहिज कुर्सी की दास्तान कविता पढ़ी सुनीता भारद्वाज ने प्यारे बच्चों तुम्हें है कसम इस माटी की शान कभी ना कम होने दे भारत की माता की कविता पढ़ी।

राम कुमार सैनी ने सच पूछो तो मैं अग पंप हूं,नाहन का एक हैंडपंप हूं कविता पढ़ी। हेमराज राणा ने ये मेरे देश को क्या हो गया, छाया है मातम और वक्त रो रहा है कविता पढ़ी। सरला गौतम ने कैसे बखान करू तुम्हारा, तुमसा कोई सानी नहीं से परमार की की महिमा का गुणगान किया। दीप राज विश्वाश ने है फूलो की चर्चा, कही फल की बाते, चली आज हर सु हिमाचल की बाते कविता से हिमाचल का गुणगान किया।