Breaking
राशन कार्ड से सम्बंधित eKYC करवाने की तिथि को 30 सितंबर तक बढ़ाया               अनुराग ठाकुर ने 9वे रोजगार मेला में वितरित किए नियुक्ति पत्र               स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बना रही बाजरे के लड्डू और रागी (मंडल) की बर्फी               प्रदेश के हर जिला में आयोजित होंगे टूरिज्म फेस्टिवल - आर एस बाली               राज्य स्तरीय वामन द्वादशी मेला आरंभ-उपायुक्त ने किया विधिवत शुभारंभ               हर्षवर्धन चौहान ने क्यारी गुंडाह-पांवटा साहिब बस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना               मुंडखर में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 पर जागरुकता शिविर आयोजित               आदर्श वित्तीय प्रबंधन में नवीन प्रौद्योगिकी का समावेश आवश्यकः जैन               भाजपा के धरने से कांग्रेस सरकार की हवा सरकी : धर्माणी                 प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण लिए प्रतिबद्धः डॉ. धनी राम शांडिल

35 साल देश की शानदार सेवा करने के बाद आईएनएस सिंधुध्वज सेवामुक्त

हिम न्यूज़,शिमला-  आईएनएस सिंधुध्वज ने 35 साल की शानदार अवधि तक अपनी सेवाएं देने के बाद शनिवार, 16 जुलाई 2022 को भारतीय नौसेना को अलविदा कह दिया। इस समारोह में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता मुख्य अतिथि थे।

इस डीकमीशनिंग कार्यक्रम में कोमोडोर एसपी सिंह (सेवानिवृत) समेत 15 पूर्व कमांडिंग ऑफिसर्स, कमिशनिंग सीओ और 26 अनुभवी कमीशनिंग क्रू ने हिस्सा लिया।

इस पनडुब्बी के शिखर पर एक भूरे रंग की नर्स शार्क चित्रित है और इसके नाम का अर्थ है समुद्र में हमारी ध्वजवाहक। जिस प्रकार इसके नाम से पता चलता है, सिंधुध्वज स्वदेशीकरण की ध्वजवाहक थी और नौसेना में अपनी पूरी यात्रा के दौरान रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की ध्वजवाहक थी।

पनडुब्बी को श्रेय जाता है कि कई चीजें इसने पहली बार कीं। जैसे, हमारे स्वदेशी सोनार यूएसएचयूएस, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुकमणी और एमएमएस, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम का परिचालन इस पर ही हुआ।

सिंधुध्वज ने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल के साथ मेटिंग और कार्मिक स्थानांतरण का काम भी सफलतापूर्वक किया, और ये इकलौती पनडुब्बी है जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इनोवेशन के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।

इस पारंपरिक समारोह को सूर्यास्त के समय आयोजित किया गया। बादलों से घिरे आसमान ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया जब डीकमिशनिंग ध्वज को उतारा गया और 35 साल की शानदार गश्त के बाद इस पनडुब्बी को सेवामुक्त कर दिया गया।