हिम न्यूज़ मंडी। प्रदेश की संस्कृति एवं कला का प्रचार और प्रसार करने के लिए प्रदेश व देश के प्रमुख शहरों में हर वर्ष हिमाचल उत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी विधायक चन्द्रशेखर ने मंडी के संस्कृति सदन में चार दिवसीय हिमाचल उत्सव के शुभारंभ अवसर पर दी।
इस चार दिवसीय हिमाचल उत्सव में प्रदेश के सभी जिलों के कलाकार अपने-अपने जिलों की संस्कृति से रूबरू करवाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल अपनी सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध और खुशहाल है। इसे संजोए रखने में सभी लोक कलाकारों की अहम भूमिका रही है।
इस विरासत को जीवित और संजोए रखने के लिए उन्होंने आने वाली पीढ़ी को आगे आने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मंडी प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी है। यहां चार दिनों तक चलने वाले हिमाचल उत्सव में कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने शानदार मंच प्रदान किया है।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह संस्कृति सदन में पधार कर इस शानदार पहल का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने और कलाकारों को आगे लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कलाकारों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने बताया कि हमारी प्राचीन संस्कृति और धरोहरों को संजोए रखने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा और सोलन, चम्बा व हमीरपुर के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम देंगे।
इसके साथ नाट्य संध्या में मंडी और चंबा के कलाकारों द्वारा नाटकों का मंचन किया जाएगा। 26 अप्रैल को प्रातः मण्डयाली गीता पाठ और किन्नौर, ऊना, लाहौल स्पिति व सिरमौर के लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम देंगे। 27 अप्रैल दिन को राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन और शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
विधायक ने इससे पहले हस्तशिल्प मेला व चित्रकला प्रदर्शनी का उदघाटन कर उनका अवलोकन किया। इस अवसर पर मण्डी, कांगडा, शिमला व बिलासपुर के सांस्कृतिक दलों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए
इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव शशी शर्मा, प्रो राकेश कपूर, नगर निगम के पार्षद राजेन्द्र मोहन, पदमश्री करतार सिंह सोंखले सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।