हिम न्यूज़, ऊना : एसडीएम हरोली विकास शर्मा ने कहा है कि कई मामलों में लोग सामान्य रिकॉर्ड हासिल करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि यह रिकॉर्ड सामान्य रूप से निर्धारित शुल्क की अदायगी कर कॉपिंग एजेंसी से सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। यह निर्णय राज्य सूचना आयोग ने दिया है।
एसडीएम ने बताया कि जुलाई, 2021 में सूचना का अधिकार नियम के तहत प्राप्त आवेदन के संदर्भ में जन सूचना अधिकारी अधीक्षक, ग्रेड-।। हरोली ने आवेदक को सूचना सामान्य प्रक्रिया के तहत हासिल करने का परामर्श दिया, जिस पर आवेदक द्वारा सूचना आयोग में अपील की गई तथा प्रत्युत्तर में आयोग द्वारा एक अधिसूचना जारी कर यह स्पष्ट किया गया कि दीवानी न्यायालयों अथवा राजस्व न्यायालयों तथा अन्य राजस्व प्राधिकरणों में दीवानी विवाद इत्यादि के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पुरानी जमाबंदी की नकलें, अक्स मुसाबी, जिलाधीश, एसडीएम (नागरिक), तहसीलदार के आदेश, पार्टीशन इत्यादि की नकल के दस्तावेज़ सामान्य प्रक्रिया के तहत कॉपिंग एजैंसी से हासिल किए जा सकते हैं। इसके लिए सार्वजनिक प्राधिकरणों से आरटीआई एक्ट के तहत दस्तावेज़ हासिल करना आरटीआई अधिनियम में शामिल नहीं है।
एसडीएम विकास शर्मा ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम भ्रष्टाचार से लड़ने तथा पारदर्शिता व जवाबदेही लाने के लिए है तथा नागरिक जिम्मेवारी के साथ इसका पालन करें। उन्होंने लोगों से आहवान किया है कि किसी भी प्रकार की अव्यवहारिक मांग या निर्देश इस एक्ट के तहत आवेदन कर सरकारी एजैंसियों का समय सूचना एकत्र करने और प्रस्तुत करने के अनुत्पादक कार्य में व्यय हो रहा है।
उन्होंने अपील की है कि आरटीआई का इस्तेमाल इस अधिनियम के उद्देश्य तक ही सीमित रखें और राष्ट्रीय विकास और एकीकरण में बाधा डालने के लिए अथवा नागरिकों के बीच शांति और सद्भाव को नष्ट करने के लिए इसे उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना सही नहीं है।