हिम न्यूज़,दिल्ली- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने जिला कलेक्टरों को होटलों और रेस्त्राओं द्वारा सेवा कर लिए जाने के खिलाफ जारी दिशा-निर्देशों को लागू करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इससे संबंधित शिकायतें मिलने पर जिला कलेक्टर दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के संबंध में जांच कराकर 15 दिनों के भीतर प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
सीसीपीए ने देश भर के सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जिला कलेक्टरों को उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए इन दिशा-निर्देशों के तत्काल कार्यान्वयन के साथ-साथ इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के लिए लिखा है। यह पत्र स्पष्ट निर्देश देता है कि सेवा शुल्क लगाना दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है और यह अनुचित व्यापार चलन की स्थापना है जिसमें एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों पर चोट की जाती है, और ऐसी शिकायतों का संज्ञान प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए।
एनसीएच पर 85 शिकायतें दर्ज
सेवा शुल्क लिए जाने के खिलाफ कई उपभोक्ताओं ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उपभोक्ताओं ने सेवा शुल्क लगाने पर 01.04.2021 से 20.06.2022 तक 537 शिकायतें दर्ज कराई हैं। दर्ज कराई गई प्रमुख शिकायतों में होटल/रेस्तरां में सेवा शुल्क को अनिवार्य बनाना, सेवा शुल्क का भुगतान करने का विरोध करने पर उपभोक्ताओं को शर्मिंदा करना, किसी अन्य नाम से सेवा शुल्क जोड़ना और उपभोक्ताओं से यह तथ्य छिपाना शामिल है कि सेवा शुल्क का भुगतान वैकल्पिक और स्वैच्छिक है। 05.07.2022 से 08.07.2022 तक यानी सीसीपीए द्वारा दिशा-निर्देश जारी होने के बाद से, एनसीएच पर 85 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। सेवा शुल्क की शिकायतें शीर्ष 5 शहरों नई दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई, पुणे और गाजियाबाद में क्रमशः 18, 15, 11, 4 और 3 शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं।
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने स्पष्ट किया है कि यह दिशा-निर्देश महज एडवाइजरी के रूप में नहीं हैं, यह कानून द्वारा पूरी तरह से लागू करने योग्य हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 (2) (एल) के तहत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो सीसीपीए को अनुचित व्यापार चलन को रोकने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार देता है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर शिकायत दर्ज
यदि कोई उपभोक्ता यह पाता है कि कोई होटल या रेस्तरां दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क लगा रहा है, तो उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्तरां से सेवा शुल्क को बिल राशि से हटाने का अनुरोध कर सकता है या उपभोक्ता 1915 पर कॉल करके अथवा एनसीएच मोबाइल ऐप के माध्यम से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर शिकायत दर्ज करा सकता है, जो मुकदमेबाजी से पहले स्तर पर वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में काम करता है।
उपभोक्ता अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत भी दर्ज करा सकता है। इसके त्वरित और प्रभावी निवारण के लिए ई-दाखिल पोर्टल www.edaakhil.nic.in के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा, उपभोक्ता सीसीपीए द्वारा जांच और उसके बाद की कार्यवाही के लिए संबंधित जिले के जिला कलेक्टर के सामने भी अपनी शिकायत रख सकता है। सीसीपीए को com-ccpa@nic.in पर ई-मेल द्वारा भी शिकायत भेजी जा सकती है।
सीसीपीए के जारी नए दिशा-निर्देशों और उपभोक्ता मामलों के विभाग से जारी पिछले दिशा-निर्देशों के बीच अंतर यह है कि पहले के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की जगह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 आ गया है जो जुलाई 2020 में लागू हुआ था। इसने एक नया वैधानिक निकाय यानी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाया, जिसे संसद ने अनुचित व्यापार चलनों का संज्ञान लेने का अधिकार दिया है। इसलिए, इस संबंध में दिशा-निर्देशों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।