Breaking
राशन कार्ड से सम्बंधित eKYC करवाने की तिथि को 30 सितंबर तक बढ़ाया               अनुराग ठाकुर ने 9वे रोजगार मेला में वितरित किए नियुक्ति पत्र               स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बना रही बाजरे के लड्डू और रागी (मंडल) की बर्फी               प्रदेश के हर जिला में आयोजित होंगे टूरिज्म फेस्टिवल - आर एस बाली               राज्य स्तरीय वामन द्वादशी मेला आरंभ-उपायुक्त ने किया विधिवत शुभारंभ               हर्षवर्धन चौहान ने क्यारी गुंडाह-पांवटा साहिब बस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना               मुंडखर में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 पर जागरुकता शिविर आयोजित               आदर्श वित्तीय प्रबंधन में नवीन प्रौद्योगिकी का समावेश आवश्यकः जैन               भाजपा के धरने से कांग्रेस सरकार की हवा सरकी : धर्माणी                 प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण लिए प्रतिबद्धः डॉ. धनी राम शांडिल

उपभोक्ता मामले विभाग ने जबरन “सेवा शुल्क” लेने पर दी  चेतावनी

उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) ने 2 जून, 2022 को नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भारतीय राष्‍ट्रीय रेस्‍तरां संघ) के साथ एक बैठक करने का कार्यक्रम बनाया है, जिसमें  रेस्‍टोरेंट द्वारा लगाए जाने वाले सेवा शुल्क से संबंधित मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।

यह बैठक  विभाग द्वारा कई मीडिया रिपोर्टों के साथ-साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर ध्यान देते हुए आयोजित की जा रही है।

विभाग के सचिव  रोहित कुमार सिंह द्वारा नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में यह बताया गया है कि रेस्‍टोरेंट और भोजनालय गलत तरीके से ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूल कर रहे हैं, हालांकि यह प्रभार स्वैच्छिक है और यह देना न देना उपभोक्ताओं के विवेक पर निर्भर करता है, लेकिन यह कानून के अनुसार आवश्‍यक नहीं है।

भेजे गए पत्र में यह उल्‍लेख किया गया है उपभोक्‍ताओं से सेवा शुल्क जबरन वसूल किया जा रहा है, जो अक्सर रेस्‍टोरेंट द्वारा मनमाने ढंग से बहुत उंची दरों पर तय किया जाता है। उपभोक्ताओं को ऐसे प्रभारों की वैधता के बारे में झूठे तौर पर गुमराह भी किया जा रहा है।

बिल राशि से इस तरह के शुल्क को हटाने का अनुरोध करने पर रेस्‍टोरेंट ग्राहकों को परेशान कर रहे हैं। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि यह मुद्दा उपभोक्ताओं को व्‍यापक रूप से दैनिक आधार पर प्रभावित करता है और उपभोक्ताओं के अधिकारों पर भी काफी प्रभाव डालता है, इसलिए विभाग ने इसकी बारीकी से और विस्तार के साथ जांच कराना आवश्‍यक समझा है।

बैठक के दौरान उपभोक्ताओं की शिकायतों से संबंधित निम्नलिखित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

  •      सेवा शुल्क अनिवार्य करने वाले रेस्‍टोरेंट
  •      किसी अन्य शुल्क या प्रभार की आड़ में बिल में सेवा शुल्‍क जोड़ना
  •      उपभोक्ताओं को यह बताना कि सेवा शुल्‍क देना वैकल्पिक और स्वैच्छिक है
  •      सेवा शुल्क का भुगतान करने से विरोध करने पर उपभोक्ताओं को शर्मिंदा करना