हिम न्यूूज़ हमीरपुर – उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में शनिवार को गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के स्कूल प्रवक्ताओं के लिए एनआईटी में क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपायुक्त ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर सशक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एनआईटी,उच्च शिक्षा व डाइट के संयुक्त तत्वावधान में क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन करवाया जा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन उपायुक्त जिला हमीरपुर के वित्तिय सहयोग से किया जा रहा है। गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान तीन विषयों के साथ इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। कार्यक्रम को मिशन द्रोणाचार्य का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थियों को अर्जुन बनाना है तो अध्यापकों को भी द्रोणाचार्य बन कर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवानी होगी।
उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने कहा कि जिला हमीरपुर को शिक्षा के हब के रूप में जाना जाता है। देश के हर प्रतिष्ठित संस्थान में जिला के बच्चों का चयन सबसे अधिक रहता है। इसका श्रेय यहां के अध्यापकों को ही जाता है। उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर का कैंपस एक मॉडल के रूप में उभर कर सामने आया है। जिसका प्रभाव बच्चों पर ज्यादा पड़ा है। बच्चे लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं कि एनआईटी में दाखिला लेना है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और अनुराग ठाकुर द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रवास के दौरान चर्चा हुई थी कि जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्रयास किए जाएं। जिला प्रशासन द्वारा यह पहल की गई है। विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रवेश/ प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी हेतु क्षमता संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि जिले के सरकारी स्कूलों शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें।
उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने कहा इस कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों से गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के स्कूल प्रवक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। एनआईटी के सम्बन्धित विषयों के हैड स्कूल प्रवक्ताओं की स्किल डब्ल्पमेंट बढ़ाएंगे, न्यूमेरीकल तथा प्रेक्टिकल पर ज्यादा चर्चा की जाएगी ताकि वे विद्यार्थियों को उसी के अनुसार तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि एक बहुत ही कम समय में एनआईटी और उपनिदेशक उच्च शिक्षा द्वारा इस कार्यक्रम को तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो भी प्रवक्ता कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं उनसे फीडबैक भी ली जाएगी ताकि इस कार्यक्रम को ओर अधिक बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के प्रथम चरण का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अन्य विषय, योजनाएं भी मिशन द्रोणाचार्य में शामिल की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रवक्ताओं को एक बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए एनआईटी में इस कार्यक्रम को आयोजित करने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने एनआईटी स्टाफ को कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए आभार प्रकट किया। इस मौके पर एनआईटी के निदेशक प्रो0 एचएम सूर्यवंशी, उपनिदेशक उच्चतर बीडी शर्मा, प्रिंसिपल डाइट धर्मपाल, डा0 प्रतिमा अवस्थी, प्रो0 अनूप, डा0 सुभाष चंद,डा0 पवन, डा0 कुलदीप शर्मा के अतिरिक्त स्कूल प्रवक्ता उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन ने एनआईटी के सहयोग से तैयार की इलेक्ट्रिक ट्रॉली, मुख्यमंत्री स्टार्टअप में हुई शामिल
जिला प्रशासन हमीरपुर द्वारा एनआईटी हमीरपुर के सहयोग से ऑक्सीजन सिलेंडर के परिवहन हेतु ट्रॉली का बैट्री से चलने वाला बेहतर संस्करण बना कर तैयार किया है। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा वित्तिय सहायता प्रदान की गई है। उपायुक्त हमीरपुर देब्श्वेता बनिक ने शनिवार को संस्थान में इस इलेक्ट्रिक ट्रॉली के सिद्धांत तथा संचालन विधि का जायजा लिया । उपायुक्त ने बताया कि अकसर अस्पतालों में यह देखने में आता है कि ऑक्सीजन सिलेंडर को मरीजों तक लाने ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इस समस्या से निजात पाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा एनआईटी को आईडिया दिया गया था कि ऐसी ट्राली विकसित की जाए जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर को मरीजों तक लाने ले जाने में सुविधा मिल सके। उन्होने बताया कि इस प्रोजेक्ट को इंडस्ट्री विभाग द्वारा सीएम स्टार्टअप योजना के अंतर्गत लिया जा चुका है। उपायुक्त ने ट्रॉली का निर्माण करने के लिए एनआईटी के छात्रों की प्रश्ंासा की। वहीं एनआईटी के छात्र रजत ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से आईओ2 ट्रॉली को बनाना सम्भव हो पाया है। यह ट्रॉली एक घंटे में 7 कि.मी.तक का सफर तय कर सकती है तथा कोई भी इसे आसानी से चला सकता है ।