हिम न्यूज़,हमीरपुर । उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला के सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मनरेगा कनवर्जेंस के कार्यों में स्थानीय जरुरतों के अनुसार तथा नए आइडियाज के साथ शैल्फ तैयार करवाएं।
शुक्रवार को जिला के सभी 6 विकास खंडों के बीडीओ के साथ बैठक के दौरान ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि मनरेगा कनवर्जेंस में कई बड़े कार्य भी करवाए जा सकते हैं। इसलिए, सभी बीडीओ इस दिशा में विशेष प्रयास करें तथा पंचायत जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन भी करें। उन्होंने कहा कि हर विकास खंड में मनरेगा कनवर्जेंस के मॉडल के रूप में कम से कम दो बड़े कार्य चिह्नित करके उन पर कार्य शुरू किया जाएगा। जिला में पानी की कमी वाले क्षेत्रों, विशेषकर भोरंज और बमसन ब्लॉक में जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं पर कार्य किया जा सकता है।
इस अवसर पर मनरेगा की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि गत वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के तहत जिला हमीरपुर में 69 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च की गई। इस दौरान कुल 16,89,732 श्रम दिवस अर्जित किए गए जोकि निर्धारित लक्ष्य का 101 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत लंबित कार्य अतिशीघ्र पूरे होने चाहिए तथा इनसे संबंधित डाटा भी तुरंत अपलोड किया जाना चाहिए। डाटा अपलोडिंग में कोई तकनीकी समस्या आ रही है तो तुरंत ध्यान में लाएं। उपायुक्त ने कहा कि जिले में 99.17 प्रतिशत जॉब काड्र्स की आधार लिंकेज हो चुकी है। उन्होंने शेष बचे जॉब काड्र्स की आधार लिंकेज, एनएमएमएस ऐप पर ऑनलाइन हाजिरी और सभी कामगारों की पेमेंट समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
हेमराज बैरवा ने बताया कि जिला में 15 जुलाई तक कुल 150 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से कुछ अमृत सरोवर जलशक्ति विभाग और वन विभाग द्वारा भी मनरेगा कनवर्जेंस के माध्यम से बनाए जाने हैं। उपायुक्त ने कहा कि इनके निर्माण अतिशीघ्र पूरे किए जाने चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि गत वित्त वर्ष के दौरान मिशन के तहत 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि मिशन के तहत स्वीकृत सामुदायिक शौचालयों के निर्माण और इनकी वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट 30 अप्रैल से पहले प्रेषित करें, ताकि इनकी समीक्षा की जा सके। बैठक में सांसद आदर्श ग्राम योजना, आवास योजनाओं, एनआरएलएम और अन्य योजनाओं की समीक्षा भी की गई। इस अवसर पर डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजकुमार ने विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में एडीसी जितेंद्र सांजटा, सभी बीडीओ और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।