हिम न्यूज़,शिमला-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए सुझावों के साथ साथ आम छात्रों की आवाज उठाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। इसी के संदर्भ में आज विद्यार्थी परिषद ने वाणिज्य विभाग में PhD प्रवेश प्रक्रिया में हुई धांधली के विरोध में अधिष्ठाता अध्ययन कार्यलय का घेराव करते हुए शव रूपी धरना प्रदर्शन किया। यहाँ विद्यार्थी परिषद शांति पूर्ण तरीके से अपना धरना प्रदर्शन कर रही थी उसके बाद परिषद के कार्यकर्ता जब अधिष्ठाता अध्ययन से बात करने को कार्यालय जाते है तो अधिष्ठाता अध्ययन पुलिस की आढ मे कार्यलय से भाग निकला उसके बाद परिषद के कार्यकर्ता आक्रोशित हो कर के कार्यलय मे जा कर भगोड़ा डीएस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कार्यकर्ता अधिष्ठाता अध्ययन की प्रतिक्षा करते हैं लेकिन अधिष्ठाता अध्ययन के न आने पर कार्यालय के बाहर आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने डीएस का पुतला दहन किया।
विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई का कहना है की विश्वविद्यालय अपने चाहितों को भरने की आढ में पिछले लंबे समय से ऐसे कुकर्मों में सम्मिलित मिलता है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हमेशा से ही अवैध प्रवेश प्रक्रिया के मामलों में संलिप्त पाया जाता रहा है।ईकाई मंत्री अविनाश ने कहा की लंबे समय से देखने को मिल रहा है की विश्वविद्यालय में (एमबीए आरडी) की पीएचडी में अवैध प्रवेश और वर्तमान समय में देखे तो वाणिज्य विभाग में अवैध प्रवेश के लिए प्रशासन के निरंतर प्रयास जारी हैं उन्होंने कहा की प्रशासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की सीट को जनरल सीट में बदलने का काम किया प्रश्न यह है की विभाग ने बिना किसी विज्ञापन के ही सीट को कैंसल कर के जनरल में बदला प्रशासन द्वारा आरक्षण को भी समाप्त करने का प्रयास किया । प्रशासन यह सब कुछ किसी के दबाव में आ कर ऐसा कर रहा है तो परिषद ने विभागाध्यक्ष से अपने पद से त्याग पत्र देने की मांग रखी।
- क्या है मामला?
अपनी बात रखते हुए अविनाश ने बताया की पिछले दिनों वाणीज्य विभाग मे पिएचडी की सीटों के लिए आवेदन का विज्ञापन निकाला जिसमे की 3 सीट समानय छात्र वर्ग , 1 अनुसूचित जाति, तो 1 सीट दिव्यांग और केवल 1 सीट एसटी वर्ग के छात्रों के लिए निकाली गयी लेकिन जब एसटी से कोई आवेदन नहीं आता है तो एसटी की सीट को जनरल मे बदला गया।एसटी की सीट को में बदलने का प्रावधान न तो यूनिवर्सिटी के ऑर्डिनेस में है और न ही यूजीसी की गाइड लाइन में दिया हुआ है,उसके बाबजूद भी वाणीजय विभाग के अध्यक्ष ने अधिष्ठता अध्ययन के साथ मिल कर के अनुसूचित जनजाति के आरक्षित स्थान को समान्य छात्रों की सूची मे जोड़ कर अनुसूचित जनजाति से सम्बन्ध रखने वाले छात्रों के हक को हड़पने का काम किया है।
ईकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने विभाग के ऐसे कामों की निंदा करते हुए कहा की यदि आने वाले समय में विभाग इस प्रवेश को कैंसल नही करता और अधिष्ठाता अध्ययन और वाणीज्य विभाग के विभागाध्यक्ष ने अपने अपने पद से जल्द से जल्द इस्तीफा नहीं दिया तो अभाविप आने वाले समय में उग्र से उग्र आंदोलन करने में किसी प्रकार का गुरहेज नही करेगी।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई शिमला विश्विद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि वाणिज्य विभाग में अवैध तरीके से प्रवेश की प्रक्रिया को रोकने के लिए शीघ्र से अमल में लाई जाए तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी किया जाए|