हिम न्यूज़, ऊना- जिला प्रशासन की संबल योजना के तहत 30 जून 2022 तक जिला ऊना से कुल 142 आवेदन प्राप्त हुए, जिनके तहत 91 लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
आईटीआई में पढ़ाई के लिए संबल योजना के तहत 7 लड़कों और 5 लड़कियों को 1.08 लाख, डिग्री पूरी करने के लिए एक लड़के और 31 लड़कियों को 3.20 लाख, बीएससी नर्सिंग के लिए 11 लड़कियों को 9.81 लाख, एलएलबी के लिए एक लड़के व सात लड़कियों को 4.28 लाख, इंजीनियरिंग के लिए 3 लड़कों व दो लड़कियों को 1.48 लाख, डिप्लोमा कोर्स के लिए 3 लड़कों व 14 लड़कियों को 6.87 लाख तथा तीन लड़कों व 4 लड़कियों को स्कूली पढ़ाई के लिए 23,258 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इस प्रकार से संबल योजना के तहत जिला ऊना में 26.46 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जा चुकी है।
संबल योजना के तहत अंब उपमंडल में 23, बंगाणा व गगरेट में 11-11, हरोली में 25 तथा ऊना में 21 लाभार्थी हैं। गगरेट उपमंडल से कुल 16 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 5 को अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि वह योजना की पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते थे।
घर जाकर पात्रता की जांच करते हैं सीडीपीओ
जिला कार्यक्रम अधिकारी सतनाम सिंह ने कहा कि संबल योजना के तहत आवेदन प्राप्त विभाग गंभीरता के साथ कार्य करता है। संबंधित उपमंडल के सीडीपीओ स्वयं आवदेक घर जाकर पात्रता की जांच करते हैं तथा इसके बाद ही मामले की स्वीकृति के लिए फाइल उपायुक्त को प्रस्तुत की जाती है। सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद पात्र लाभार्थी को योजना का लाभ दिया जाता है।
पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा पत्र
इस बारे उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि संबल, नवजीवन तथा गरिमा योजनाओं को जिला ऊना में आरंभ करने के उपरांत उन्होंने निजी तौर पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को इन योजनाओं के बारे में पत्र लिखा था। इस पत्र में इन योजनाओं से संबंधित जानकारी उनके साथ साझा की गई थी, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजनाओं के लाभ से वंचित न रह सके। इसके साथ ही सभी पंचायत प्रतिनिधियों की एक विशेष ट्रेनिंग जिला परिषद हॉल ऊना में करवाई गई थी, जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी प्रदान की थी। इन प्रयासों को उद्देश्य है कि पंचायत प्रतिनिधि सरकारी योजनाओं से परिचित हों तथा वह अपनी-अपनी पंचायत व वार्ड में पात्र लाभार्थी को इनका लाभ सुनिश्चित करें।
संबल योजना का प्रारूप
जिला प्रशासन ने बेसहारा व अनाथ बच्चों के लिए संबल योजना चलाई है। प्रायः देखने में आता है कि घर के मुखिया का निधन हो जाने पर या किसी कारणवश लाचार हो जाने पर बच्चों की शिक्षा पर सीधा दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसे बच्चे या तो शिक्षा से पूर्णतः वंचित रह जाते हैं या शिक्षा के लिए अन्य लोगों के सामने हाथ फैलाने को बाध्य हो जाते हैं। भाग्य के कुठारघात के बाद शिक्षा न मिलने के कारण ऐसे बच्चे एक अच्छे जीवन से भी वंचित हो जाते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ऊना अति-गरीब परिवार के इन पात्र बच्चों को शिक्षा प्राप्ति के लिए मंदिर ट्रस्ट चिंतपूर्णी के माध्यम से संबल योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान करता है।