भाजपा के प्रदेश महासचिव त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि कांग्रेस ने जल्दबाजी में अपने सभी पदाधिकारियों की घोषणा की है।
नए अध्यक्ष के बनने से पता चलता है कि कांग्रेस केवल वंशवाद की राजनीति में विश्वास रखती है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व में केवल गांधी परिवार का शासन है और हिमाचल में नेतृत्व एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र परिवार में स्थानांतरित हो गया है।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस में कोई जमीनी कार्यकर्ता राज्य का नेता नहीं बन सकता।
जम्वाल ने कहा कि भाजपा में एक बूथ स्तर का कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री भी बन सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक अध्यक्ष और 4 कार्यकारी अध्यक्ष हैं, लोगों को यह पता नहीं लग पा रहा हैं कि वास्तविक अध्यक्ष कौन है। कांग्रेस असमंजस की स्थिति में है।
कुल मिलाकर 5 अध्यक्षों के साथ कोई पार्टी कैसे काम कर सकती है, कोई पार्टी एकाग्रित होकर कैसे काम कर सकती है और इन परिस्थितियों में एक राजनीतिक दल सामूहिक निर्णय कैसे ले सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अब सभी जिलों में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है और वे एक विभाजित दल बन कर रह गया हैं।
अपने नए प्रयोग से कांग्रेस का पंजाब की तर्ज पर फेल होना तय है।