हिम न्यूज़,शिमला- राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त, युनूस ने आज यहां बताया कि इस वित्त वर्ष के प्रथम चार माह में प्रदेश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह में 472 करोड़ रुपये जीएसटी संग्रहण किया गया। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1285 करोड़ रुपये के संग्रहण की तुलना में 1857 करोड़ रुपये रहा है।
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि करदाताओं में कर अदायगी सम्बन्धी अनुपालना में सुधार तथा विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रशासनिक एवं नीतिगत प्रयासों तथा प्रवर्तन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण से सम्भव हो पाई है। इस वृद्धि का दूसरा मुख्य कारण पिछले वित्त वर्ष की अन्तिम तिमाही में जीएसटी रिटर्न सम्बन्धी दी गई छूट है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न आर्थिक विषमताओं के कारण दी गई छूट से जीएसटी संग्रहण में विगत वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में कमी दर्ज की गई थी।
विभाग द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष में लगभग 25 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रिटर्न फाइलिंग में लगातार सुधार, रिटर्न की तीव्रता से जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन विभाग के लिए लक्षित क्षेत्र बने हुए हैं।
विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष में अपने रोड चैकिंग अभियान में चार लाख 50 हजार ई-वे बिल सत्यापित किए हैं। विभाग स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और टैक्स हाट कार्यक्रम के तहत समयबद्ध रूप से हितधारकों के मुद्दों का निवारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे व मंझले व्यापारियों को जीएसटी प्रावधानों के बारे में जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा स्थानीय व्यापार मण्डलों की सहायता से कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। विभाग टैक्स अधिकारियों के ज्ञान में वृद्धि तथा क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहा है। गत चार महीनों के दौरान 350 कर अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा विभागीय पुनर्गठन की सैद्धान्तिक मंजूरी और प्रशिक्षित अधिकारियों के सशक्त प्रयासों से विभाग को राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।