हिम न्यूज़, ऊना: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ऊना ने हिमाचल प्रदेश डिफेंस अकादमी ऊना में नशीली दवाओं के दुरूपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ ड्रग एब्यूज डे का आयोजन किया। इस बारे जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ ऋचा कालिया ने बताया कि नशा मुक्त भारत के लिए भारत सरकार ने संकल्प लिया है।
नशीली दवाओं के प्रयोग से व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। उन्हांेने बताया कि भारत में करीब 10 लाख लोग अधिकारिक तौर पर हेरोइन का प्रयोग करते हैं जबकि वास्तविक संख्या करीब 50 लाख है।
उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार प्रदेश के 40 प्रतिशत युवा इस समस्या के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 29.3 प्रतिशत युवा सिगरेट व खैनी का प्रयोग करते हैं। 24.45 प्रतिशत शराब, 20.87 प्रतिशत भांग, 4.45 प्रतिशत कफ सिरप व 3.4 प्रतिशत युवा अफीम का प्रयोग कर रहे हैं।
आज की युवा पीढ़ी जल्द ही तनावग्रस्त हो जाती है। अपने दोस्तों की गलत संगत में आकर नशे का शिकार हो जाते हैं। नशे के चक्रव्यूह में फंसकर इस लत से बाहर निकलना कठिन हो जाता है। कई बार यह परिस्थिति असमय मृत्यु का कारण भी बन जाती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ ऋचा कालिया कई बार परिवार में माता पिता दोनों काम काज में व्यस्त होने के चलते अपने बच्चों को स्नेह नहीं दे पाते, जिससे असफलता, धोखा, नैतिक मूल्यों के ह्रास के कारण बच्चे इस दलदल में फंस जाते हैं।
उन्होंने उपस्थित समस्त प्रतिभागियों से आहवान किया कि नशे से दूर रहें और स्वस्थ्य जीवन जीएं। नशीली दवाओं का सेवन जानलेवा है। उन्होंने बताया कि आरएच ऊना में नशा छुड़ाने के लिए ओएसटी केंद्र में निःशुल्क ईलाज किया जाता है।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से भाषण व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करवाया गया।
इस अवसर पर जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत, बीसीसी कोआॅर्डिनेटर कंचन माला, डिफेंस अकादमी के निदेशक कर्नल डीपी वशिष्ट, कर्नल कुलदीप जसवाल, टेक चंद ठाकुर, कैप्टन विजय शंकर सहित अन्य उपस्थित रहे।