प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 मई, 2022 को वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुंबिनी की अपनी सरकारी यात्रा के दौरान लुंबिनी मठ क्षेत्र के भीतर एक अद्वितीय बौद्ध संस्कृति एवं विरासत केंद्र के निर्माण के लिए “शिलान्यास” समारोह में हिस्सा लेंगे।
मोदी लुंबिनी में पवित्र मायादेवी मंदिर जाकर पूजा अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री नेपाल सरकार के तत्वावधान में लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा आयोजित बुद्ध जयंती कार्यक्रम में भी भाषण देंगे।
एक व्यापक अपील के बाद भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वित्तीय सहायता से लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट के तत्वावधान में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन (आईबीसी) द्वारा अद्वितीय ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बुद्धिस्ट कल्चर एंड हेरिटेज’ का निर्माण किया जाएगा। इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन, संस्कृति मंत्रालय के तहत एक अनुदान प्राप्त संस्था है। बौद्ध केंद्र नेपाल में पहला ‘नेट जीरो इमिशन’ भवन होगा।
संस्कृति मंत्रालय इस अवसर पर इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ़ेडरेशन (आईबीसी) के सहयोग से नई दिल्ली में वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस समारोह के लिए एक रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। नेपाल के लुंबिनी में दिन में शुरू में प्रधानमंत्री के बौद्ध संस्कृति एवं विरासत केंद्र के शिलान्यास समारोह को पर्दे पर दिखाना इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा।
विभिन्न बौद्ध स्थलों से मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम दोपहर बाद 2:00 बजे शुरू होगा, जिसे पर्दे पर दिखाया जाएगा। इस आयोजन के मुख्य अतिथि भारत सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू होंगे, जबकि भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी विशिष्ट अतिथि और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष अतिथि के रूप में होंगे।
तीर्थयात्रियों में भारतीय सम्राट अशोक शामिल थे, जिन्होंने वहां अपना एक स्मारक स्तंभ बनवाया था। यह स्थल अब एक बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां भगवान बुद्ध के जन्म से जुड़े पुरातात्विक अवशेष एक मुख्य विशेषता है।
लुंबिनी नेपाल के सबसे पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप इसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया था।