भारत की आजादी के 75 साल होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी) ने मणिपुर, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में ‘बिजली उत्सव’ का आयोजन किया।
आरईसी, विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की बुनियादी ढांचा वित्तीय कंपनी है। इस आयोजन के लिए विशेष रूप से 28 अप्रैल, 2022 को तय किया गया, क्योंकि यह दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत सभी गांवों तक सफलतापूर्वक विद्युत अवसंरचना पहुंचाने की चौथी वर्षगांठ का दिन है।
इस अवसर पर मणिपुर का लीसांग गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस गांव को 28 अप्रैल, 2018 को डीडीयूजीजेवाई योजना के तहत ग्रिड से जोड़ा गया था। यह ग्रिड से जुड़ने वाले आखिरी गांवों में से एक था। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने देश के इस ग्रामीण विद्युतीकरण अभियान को सबसे बड़ी सफलता की कहानियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई थी।
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इसके अलावा आस-पास के गांवों और जिलों से भी बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। गणमान्य व्यक्तियों ने बिजली के लाभों, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों और बिजली तक पहुंच के साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में डीडीयूजीजेवाई योजना के कई लाभार्थी भी शामिल हुए। इन सब को मंच पर अपने अनुभव को साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
ग्रामीणों को साथ जोड़ने के लिए बिजली के उपयोग और बिलिंग ऊर्जा दक्षता आदि के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए नृत्य व लोक ज्ञान जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा जनता को जानकारी प्रदान करने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों पर एक प्रश्नोत्तरी (क्विज) का भी आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसे सभी कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन किया जाए। इसके अलावा सभी उपस्थित लोगों के बीच मास्क का भी वितरण किया गया।