अधोसंरचना विकास राज्य में विकास की गति प्रदान करने में अहम भूमिका निभाता है और सड़क अधोसंरचना को विकसित करने से विकास पर कई गुणा प्रभाव पड़ता है। रेल व हवाई यातायात के सीमित साधनों के कारण हिमाचल में सड़कों का महत्व और भी बड़ जाता है, इसलिए राज्य सरकार हिमाचल में सड़क सम्पर्क को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दे रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को जिला चम्बा के चुराह विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग 146 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं को समर्पित किया .
भंजराड़ू में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र के समीप मसरूंड में डिग्री कॉलेज, तीसा में राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, बैरागढ़ तथा कोहल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, कथल, बियाला तथा खंगुरू में प्राथमिक पाठशाला खोलने तथा कन्दला और भराधा में राजकीय उच्च पाठशालाओं को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं .
उन्होंने माध्यमिक पाठशालाओं को उच्च पाठशालाओं में स्तरोन्यन करने की घोषणा की।
उन्होेंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए भंजराड़ू में पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 146 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण तथा शिलान्यास उन लोगों के लिए उपयुक्त जवाब है, जो प्रदेश में अभूतपूर्व विकास पर प्रश्न उठा रहे थे। उन्होंने कहा कि
हिमाचल प्रदेश में कुल 40,020 किलोमीटर लम्बी सड़कें हैं व राज्य सरकार द्वारा 10591 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है तथा 2278 पुल निर्मित किए गए हैं। राज्य सरकार नेे केवल चार वर्षों की अवधि में हिमाचल प्रदेश में 3527 किलोमीटर वाहन योग्य सड़कें, 268 किलोमीटर जीप योग्य सड़कें और 268 पुलों का निर्माण किया हैं
ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया है और नवनिर्मित पंचायतों में सड़क सम्पर्क प्रदान करने के उद्देश्य से हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। पंचायतों के पुनर्गठन से ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़कर 3615 हो गई है, इनमें से 3556 पंचायतें सड़क से जुड़ी हैं व शेष 59 पंचायतों में से 20 पंचायतों को 2022-23 में सड़क से जोड़ा जाएगा।
वर्ष 2019 से दिसम्बर, 2021 तक 219 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया जिनकी आबादी 1500 से अधिक है, 1000 से 1499 की आबादी वाले 296 गांवों, 500 से 999 की आबादी वाले 1324 गांवों, 250 से 499 की आबादी वाले 3655 गांवों तथा 250 से कम आबादी वाले 5097 गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है।
वर्तमान में 19 राष्ट्रीय उच्च मार्ग, जिनकी कुल लम्बाई 2592 किलोमीटर है, राज्य सड़क नेटवर्क की मुख्य जीवन रेखा हैै, जिनमें से 1238 किलोमीटर सड़कों का रख-रखाव और विकास हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 865 कार्य पूर्ण किए जा चुके है और 5408 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है।
राज्य में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि-नाबार्ड के तहत 68 पुल तथा 498 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है। केन्द्रीय सड़क एवं अधोसंरचना निधि के तहत राज्य में 28 पुल निर्मित किए गए हैं तथा 65.8 किलोमीटर लम्बी सड़कों का उन्नयन किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत भी किया गया है।
वर्ष 2020 में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मण्डी जिले को 30 जिलों में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया जबकि हिमाचल प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। जिला मण्डी ने 2020-21 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सबसे अधिक लम्बाई के सड़क निर्माण के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया।
राज्य के अन्य सात जिलों जैसे सोलन, चम्बा, शिमला, कांगड़ा, ऊना, सिरमौर और हमीरपुर ने भी देश के सर्वश्रेष्ठ 30 जिलों में अपना स्थान बनाया। हिमाचल प्रदेश में पीएमजीएसवाई कार्यक्रम के तहत 23 अक्तूबर, 2020 तक 1104 किलोमीटर सड़क निर्माण कर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।