मंत्रिमंडल के निर्णय – बाल सुपोषण योजना को मंजूरी

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना को मंजूरी प्रदान की गई।

यह योजना केंद्र और राज्य सरकार तथा महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संयुक्त प्रयासों से चलाई जाएगी। इस योजना के माध्यम से विभिन्न हितधारकों का अभिसरण कर गहन हस्तक्षेपों द्वारा माताओं और बच्चों के पोषण स्तर में महत्त्वपूर्ण सुधार की परिकल्पना की गई है। राज्य सरकार ने सप्त स्तम्भ दृष्टिकोण के माध्यम से इस प्रयास को साकार करने के लिए नीति आयोग के साथ व्यापक परामर्श किया है।

इसके घटकों में दस्त का शीघ्र पता लगाना और इसका उपचार, पहचान किए गए उच्च जोखिम समूहों की सघन निगरानी और देखभाल, विशेष एसएनपी-उच्च जोखिम वाले बच्चों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन और बेहतर भोजन पद्धतियां अपनाना, बच्चों और किशोरियों में एनीमिया के लिए विभिन्न हस्तक्षेप, उच्च जोखिम वाले गर्भधारण विशेष रूप से उच्च रक्तचाप और एनीमिया, कुपोषित बच्चों का उपचार और अनुवर्ती कार्यवाही तथा सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के लिए रणनीतियां शामिल हैं।

इस योजना का बजट 65 करोड़ रुपये है। यह दस्त, निमोनिया और एनीमिया जैसी बीमारियों का मुकाबला कर बचपन में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मील पत्थर साबित होगी।

यह जन आन्दोलन के रूप में केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, इसमें हितधारक बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के स्वास्थ्य के लिए योजना बनाने, कार्यान्वित करने और निगरानी के लिए शामिल किया जाएगा। इस योजना से हिमाचल प्रदेश एनएफएचएस-5 मानकों में समयबद्ध तरीके से सुधार करने में सक्षम होगा।