हिम न्यूज़ शिमला। डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नंस विभाग ने आज आईटी भवन, मैहली, शिमला में यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से हिमाचल पुलिस और पंजीयकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई।
यह कार्यशाला पुलिस और पंजीयकों को आधार में नवीनतम प्रौद्योगिकी के समावेश से परिचित करवाने के दृष्टिगत आयोजित की गई। इस कार्यशाला में बताया गया कि आधार को किसी निवासी की पहचान के सत्यापन के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता है।
कार्यशाला में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग, समग्र शिक्षा, डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग और बीएसएनएल के लगभग 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला में आधार पारिस्थितिकी तंत्र, नियम और विनियम, प्रमाणीकरण मॉड्यूल, आधार नामांकन और अद्यतन के लिए वैध दस्तावेज, 5 और 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमैट्रिक अपडेट और दस्तावेज अद्यतन से संबंधित विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर यूआईडीएआई के निदेशक जगदीश कुमार ने कहा कि आधार का सत्यापन ऑनलाईन और ऑफलाईन माध्यम द्वारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी आधार को आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ एम-आधार एप्लिकेशन से भी सत्यापित किया जा सकता है। इस दौरान आधार सत्यापन मॉड्यूल पर लाइव डेमो भी प्रदर्शित किया गया। सार्वजनिक सेवाओं के त्वरित वितरण में आधार की प्रभावशीलता को दर्शाने के लिए ‘डिजी यात्रा’ और ‘जीवन प्रमाण’ के उदाहरण भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कोई भी सरकारी या निजी विभाग सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान के क्षेत्र में सुशासन के लिए आधार प्रमाणीकरण शुरू कर सकता है।
जगदीश कुमार ने कहा कि इस तरह के सत्र नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाएंगे ताकि प्रशासन को यूआईडीएआई के नवीनतम विकास बारे अवगत करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि आधार आधारित प्रमाणीकरण के उपयोग को बढ़ाने और निवासियों को सेवा वितरण के उच्चतम मानक सुनिश्चित करने की दिशा में यह कार्यशाला एक महत्त्वपूर्ण कदम है।