हिमाचल प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के 18 नवाचार पर कार्य प्रारम्भ: नंदिता गुप्ता

हिम न्यूज़ शिमला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने आज यहां बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने हेतु शुरु की गई नई पहलों को हिमाचल प्रदेश में भी प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन पहलों को छः प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिक और निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधार शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मतदाताओं के हितों को सर्वाेपरि रखते हुए एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है, जिससे कतारों और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। बहुमंजिला इमारतों एवं घनी कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा मृत्यु पंजीकरण की जानकारी अब सीधे आरजीआई (रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया) के डेटाबेस से प्राप्त कर मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इस दिशा में सम्पूर्ण देश में सीईओ, डीईओ और ईआरओ स्तर पर 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के परिपेक्ष्य में राज्य में आयोजित बैठकों में जिला स्तर पर 57 और उप-मंडल स्तर पर 200 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ संवाद स्थापित किया, जिनमें आम आदमी पार्टी, भाजपा, बसपा, माकपा, एनपीपी प्रमुख रहे। उन्होंने बताया कि इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट में बूथ लेवल एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए गए।

उन्होंने बताया कि प्रक्रियागत सुधारों के तहत नया ईसीआईएनईटी डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है जो सभी निर्वाचन सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवाएगा। डुप्लीकेट एपिक (मतदाता पहचान पत्र) नंबर की समस्या का समाधान किया गया है, अब प्रत्येक एपिक नंबर अद्वितीय होगा। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधानों की पहल के तहत 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, प्रत्याशी आदि शामिल हैं। इन हितधारकों के लिए आरपी अधिनियम, नियमों और आयोग के निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है। निर्वाचन कार्मिकों के सशक्तिकरण के लिए बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में अब तक 3000 से अधिक बूथ पर्यवेक्षक प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। आगामी वर्षों में एक लाख बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है।

हिमाचल प्रदेश से प्रथम बैच 26-27 मई को प्रशिक्षण प्राप्त करेगा, जिसमें 3 जिला निर्वाचन अधिकारी, 12 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी और 68 बीएलओ पर्यवेक्षक भाग लेंगे। राज्य मीडिया नोडल अधिकारियों तथा राज्य सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश के कार्यालय से उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए। जिसमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश के दो अधिकारियों तथा जिला लोक संपर्क अधिकारी मण्डी ने भी भाग लिया था। बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक सुधारों के तहत आयोग कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है। ई-ऑफिस प्रणाली को लागू करते हुए कागज़ रहित कार्यप्रणाली की दिशा में कदम बढ़ाए गए है। सीईओ के साथ नियमित बैठकंे आयोजित की जा रही है ताकि जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की निगरानी हो सके।मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक स्पष्ट एवं उपयोग अनुकूल बनाया गया है। अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित होगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने कहा कि यह सभी पहलंे निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी। हिमाचल प्रदेश इस दिशा में अग्रणी राज्य बनने के लिए संकल्पित है।