हिम न्यूज़ शिमला। डाॅ. राजीव बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक विस्तार करते हुए प्रदेश के 6 मोर्चाें का गठन पूर्ण कर लिया है जिसमें युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, किसान मोर्चा और ओबीसी मोर्चा शामिल हैं और सभी मोर्चों अपने-अपने कार्य में संगठन विस्तार की दृष्टि से लगे है। आज युवा मोर्चा प्रदेश पदाधिकारियों की अत्यंत महत्पूर्ण बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सम्पन्न हुई।

डाॅ. बिन्दल ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस पार्टी की सरकार युवा एवं बेरोजगार विरोधी साबित हुई है या यूं कहा जाए कि हिमाचल प्रदेश की आज की सभी सरकारों में यदि सर्वाधिक हानि युवाओं को, बेरोजगारों को किसी सरकार ने पहुंचाई है तो वो कांग्रेस की वर्तमान प्रदेश सरकार है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि सत्ता में आने से पहले 2022 में जिस तरह से झूठी गारंटियांे का बहुत बड़ा पुलिंदा बेरोजगार युवाओं के सम्मुख रखा गया और उसके बाद पूरी तरह से उसके विपरीत काम शुरू किया। 2022 में सत्ता में आने के लिए बेरोजगारों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर से कांग्रेस के नेता हिमाचल आए और उन्होनें श्रेणीवार घोषणा की, वीडियो जारी किए, भाषणो में कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार हिमाचल प्रदेश में बनते ही पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएगी। उन्होनें कहा कि 67 हजार पद खाली है और 33 हजार पद सृजित किए जाएंगे और 5 साल में 5 लाख रोजगार दिए जाएंगे, परन्तु कांग्रेस की सरकार बनने के बाद, उसके बिल्कुल विपरीत काम हुआ।
उन्होंने कहा कि नौकरी देने वाला संस्थान बंद हो गया, कमीशन की नौकरियां बंद हो गई और पिछले 3 वर्षों में एक भी रेगुलर भर्ती का प्रावधान नहीं हुआ। नए-नए फाॅर्मूले सरकार ने निकाले परन्तु वो फाॅर्मूले भी क्रियान्वित नहीं हो पाए। कोई वन मित्र लगेगा, कोई रोगी मित्र लगेगा, कोई पशु मित्र लगेगा, वास्तव में बेरोजगारों के साथ इससे भद्दा मजाक नहीं हो सकता कि चार-साढ़े चार हजार की नौकरी के लिए युवा दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि विभिन्न विभागों से कर्मचारियों को निकालने का क्रम निरन्तर चल रहा है। हाउसिंग बोर्ड के अंदर 137 सृजित पदों को समाप्त कर दिया यानि रोजगार के अवसर समाप्त कर दिए।
बिन्दल ने कहा कि बिजली बोर्ड में हजारों पद समाप्त कर रोजगार के अवसर समाप्त कर दिए। 1 लाख 45 हजार पद प्रदेश के विभिन्न विभागों के अंदर रिक्त पड़े थे उनको समाप्त कर दिया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अनेक पदों को समाप्त कर, नौकरी पर लगे कर्मचारियों को बाहर करने की कवायद चल रही है। 2000 स्कूल बंद किए गए और यदि एक स्कूल में 10 कर्मचारियों की औसत से देखें तो 20 हजार पद समाप्त किए गए। केवल स्कूल ही नहीं अपितु पटवार सर्कल, सब तहसीलें, पीडब्ल्यूडी, आईपीएच के दफ्तर, पीएचसी, सीएचसी को बंद करने का काम किया गया है जिसके कारण सीधा-सीधा नौकरी तलाश करने वालों के अवसरों को समाप्त किया गया है, ये बेरोजगार विरोधी, युवा विरोधी सरकार है और यह पूरी तरह से साबित हो चुका है।