हिम न्यूज़ शिमला। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में 12 नवंबर 2025 से 16 दिसंबर 2025 तक “वॉटरशेड महोत्सव” का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय पहल के अंतर्गल हिमाचल प्रदेश में भी व्यापक स्तर पर वॉटरशेड महोत्सव आयोजित किया गया। प्रदेश में राज्य स्तरीय वॉटरशेड महोत्सव 12 नवंबर 2025 को सोलन जिला के पट्टा विकास खंड में आयोजित किया गया, जिसमें जल संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन तथा ग्रामीण आजीविका सुदृढीकरण पर विशेष जोर दिया गया।
निदेशक ग्रामीण विकास विभाग राघव शर्मा के अनुसार सभी 12 जिलों एवं WDC-PMKSY 2.0 को कार्यान्वित करने वाले 26 विकास खंडों में भी 17 नवंबर 2025 से 16 दिसंबर 2025 तक “वॉटरशेड महोत्सव” का सफल आयोजन किया गया। वॉटरशेड महोत्सव के दौरान, 8.50 करोड़ रुपये की लागत वाले 221 कार्यों का भूमि पूजन तथा 5.33 करोड़ रुपये की लागत वाले 142 कार्यों का लोकार्पण किया गया। ये एनआरएम (NRM) और उत्पादन प्रणाली के विभिन्न कार्य थे जैसे चेक डैम, तालाब, कृषि-टूलकिट का वितरण आदि।
राघव शर्मा ने कहा कि इस वॉटरशेड महोत्सव के दौरान जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन, वर्षा जल संचयन, मृदा संरक्षण, वृक्षारोपण तथा जन-जागरुकता से संबंधित अनेक गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमें जन-प्रतिनिधियों, किसानों, स्थानीय समुदायों, स्वयं सहायता समूहों एवं महिला मंडलों तथा अन्य सम्बंधित विभागों की सक्रिय सहभागिता रही।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास खंडो में अन्य कार्यक्रम जैसे प्रभात फेरी, Slogan Writing Competition, Rangoli Competition आदि का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त इस महोत्सव के तहत ही एक सोशल मीडिया प्रतियोगिता भी आयोजित की जय रही है जो 31 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभा संरक्षण से संबंधित कार्यों पर आधारित Reels (रील्स) तथा फोटो को मीडिया प्रोफाइल पर पोस्ट करना होगा और इस पोस्ट का लिंक वाटरशेड महोत्सव के पोर्टल पर रजिस्टर करने के बाद शेयर करना होगा। इस प्रतियोगिता में श्रेष्ठ 4 Reels को 50 हजार रुपये प्रति रील तथा 50 Photographs को 1000 रुपये प्रति फोटो की दर से पुरस्कार दिए जाएंगे। निदेशक महोदय ने आम जनता से इस प्रतियोगिता में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर जल संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का आहवान किया।
राघव शर्मा ने बताया कि वॉटरशेड विकास कार्यक्रम हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जल संकट से निपटने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सतत आजीविका सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने “वॉटरशेड महोत्सव” के तहत जल संरक्षण को जन-आंदोलन बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल बताया तथा हिमाचल प्रदेश में इसके सफल आयोजन के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार, जन-प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ग्रामीण समुदाय का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी वॉटरशेड विकास कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई है।