गीत संगीत व नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक

हिम न्यूूज़ केलंग-जल शक्ति विभाग व जिला जल एवं स्वच्छता मिशन लाहौल एवं स्पिति द्वारा पानी की शुद्धता, स्वच्छ रख-रखाव, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन,जल जनित रोगों, जल की उपलब्धता के साथ साथ ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों, गठन व इसके लाभों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान के चौथे दिन आज मड़ग्रां व मुलिंग पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित कर गीत संगीत व नाटक के माध्यम से जानकारियां दी गयी। इससे पहले वारपा, रानीका, जहालमा,थिरोट,त्रिलोकनाथ व उदयपुर आदि पंचायतों में भी कार्यक्रम हुए।इसी कड़ी में शुक्रवार को दारचा व केलांग में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

 

मन्नत कला मंच के संयोजक नवनीत भारद्वाज ने कार्यक्रम संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि आज हुए कार्यक्रम में मंच के कलाकारों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति देते हुए ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यों जिनमें पानी के सम्पूर्ण रख रखाव, पेयजल की स्वच्छता हेतु समय समय पर पानी की जांच करना ताकि जल जनित रोगों से बचाव हो, प्रकृतिक जल स्रोतों के सरंक्षण व संवर्धन बारे विस्तृत जानकारियां दी। उन्होंने पीने के पानी की साफ-सफाई व इसके इस्तेमाल के प्रति भी जागरूक किया। आज हुए कार्यक्रम में जल शक्ति विभाग से मल्टीवर्कर दिनेश मड़ग्रां पंचायत उपप्रधान सुरेन्द्र,वार्ड पंच भीमदासी व मुलिंग पंचायत प्रधान अमर प्रकाश के साथ साथ बड़ी संख्या में महिला मंडल,युवक मंडल सहित अन्य ग्रामीण भी शामिल रहे।

सदस्य सचिव जिला जल एवं स्वच्छता मिशन एवं सहायक अभियंता रविन्द्र शर्मा ने कार्यक्रमों सम्बंधित जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जिले की सभी पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता कमेटीयों का गठन किया गया है तथा पेयजल निगरानी समिति द्वारा पूरी पंचायत में पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि स्वच्छ पेयजल ही बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावशाली तरीका हैं।

उन्होंने बताया कि पानी की जांच हेतु पंचायत के हर गांव की पांच महिलाओं को विभाग द्वारा पेयजल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए प्रशिक्षण के साथ साथ जल जांच किटें भी दी जा रही है ताकि ये महिलाएं गांव में पेयजल की समय समय पर जांच कर सके,ये जांच 10 मानकों पर की जाती है, इससे अधिक जांच हेतू केलांग में प्रयोगशाला स्थापित की गई है जहां आम लोग भी उन्हें मिलने वाले पेयजल की गुणवत्ता की न्यूनतम दरों पर जांच कर सकते हैं ।