हिम न्यूज़ नाहन । लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज पच्चछाद के मेनरी मोनस्ट्री दौलांजी में लोसर के उपलक्ष्य में आयोजित मुखौटा नृत्य (छम) में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में विक्रमादित्य सिंह ने इस धार्मिक अनुष्ठान के शुभ अवसर पर उन्हें आमंत्रित करने के लिए आभार जताया।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेनरी मोनस्ट्री की स्थापना सन् 1967 में 33वें मेनरी ट्रिज़ीन रिनपोछे द्वारा अनेकों विपरीत परिस्थितियों को सहते हुए किया गया था, जिसका मूल उद्देश्य तिब्बत मूल धर्म युंड•डुड• बोन के शिक्षा तथा तिब्बत के प्राचीन संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण तथा प्रचार प्रसार करना था। उन्होंने कहा कि गोनपा के विगत वर्षों के इतिहास से ज्ञात हुआ कि गोनपा ने बहुत ही सफलता पूर्वक अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हुए सैकड़ों विद्वान गैशे पैदा किए। आज भी सभी विद्वान गैशे भारत सहित तिब्बत तथा पश्चिमी देशों के कोने कोने में जाकर तिब्बत के मूल एवं प्राचीन धर्म युग युग बोन के प्रचार प्रसार में संलग्न हैं।
इसी प्रकार से गोनपा ने नष्ट होने के कगार पर स्थित युंड•डुड• बोन धर्म के शिक्षा, तिब्बत के प्राचीन संस्कृति का ना केवल संरक्षण कर जीवित रखा है अपितु विश्व के असंख्य लोगों को भी बोन धर्म का शिक्षा देने का काम किया है। विश्व को तिब्बत के मूल धर्म तथा उसके संस्कृति से परिचय एवं अवगत कराया जो बहुत ही प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विलय होने वाली शिमला पहाड़ के रियासतों में बुशहर रियासत प्रदेश के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य था, जिसका मूल राजधानी वर्तमान किन्नौर जिले के मौने नामक गांव में था जहां आज भी एक किला विद्यमान है। प्रवर्तमान राजधानी रामपुर बुशहर में स्थित है। बुशहर की रियासत की सीमा पश्चिमी तिब्बत से लगती थी। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित होने के कारण प्राचीन काल से धार्मिक, व्यापारिक और राजनीतिक दृष्टि से इस राज्य का तिब्बत के साथ मैत्रीपूर्ण और मधुर संबंध रहा था।
कालाघाट मेनरी मोनस्ट्री तक सड़क को पक्का करने की मांग पर लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि कालाघाट से गनेयार तक सड़क को पक्का करने के लिए 60 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है और आने वाले समय में या सड़क जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। श्रद्धेय परम पावन 34वें मेनरी ट्रीजिन रिनपोछे ने लोक निमार्ण मंत्री का स्वागत का परम्परागत ढंग से स्वागत किया और कार्यक्रम में पधारने पर आभार जताया।
उन्होंने सभी श्रद्धालु एवं दर्शनाभिलाषियों को बधाई देते हुए कहा कि विगत वर्षों के भांति इस वर्ष भी मेनरी मोननस्ट्री दौलांजी में विगत 50 वर्षों से छम नृत्यानुष्ठान के दिन मुख्य रूप से गोनपा के भिक्षुगण गोनपा के इष्ट देव, धर्म रक्षक, धर्मपाल आदि के मुखौटे, तथा धर्म रक्षक के हस्त चिन्ह आदि धारण कर छम नृत्यानुष्ठान करते हैं। जिसका मूल उद्देश्य श्रद्धालुओं को धर्मपाल तथा चर्म रक्षकों का दर्शन कराना है। नव वर्ष में जाने वाले ले दिनों में रोग एवं बाधाओं का नाश हो और सभी प्राणी को सुख-सम्पन्न, सुख-शान्ति की प्राप्ति हो तथा सभी प्राणियों के जीवन में समृद्धि आए और विश्व में शान्ति स्थापित हो । इस उद्देश्य से छम नृत्यानुष्टान का आयोजन किया जाता है।
संबोटा दोलांजी के विधार्थियों तथा किन्नौर के दल ने इस अवसर पर परम्परागत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद परमार, कांग्रेस प्रदेश सचिव दयाल प्यारी, पछाद मंडल कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत सिंह पंवार, पछाद प्रभारी अजय कंवर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं प्रधान कोटला पंजोला दौलतराम, किन्नौर से आये गैशे टी. जी. नेगी रिंपोछे, गोंपा पदाधिकारी, भिक्षु एवं भिक्षुणी, दौलांजी विद्यालय के शिक्षक तथा छात्र वर्ग, देश विदेश से आए अतिथि गण तथा अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।