शोध को किसानों की भलाई के लिए प्रयोग करें : कुलपति

हिम न्यूज़ पालमपुर। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति डॉक्टर नवीन कुमार ने कहा कि ऐसी संगोष्ठियों का लक्ष्य विद्यार्थियों, किसानों और उद्योगों की भलाई होता है। विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञ अपने-अपने शोधपत्रों को जहां एक दुसरे के साथ सांझा करते हैं वहीं विद्यार्थी उनसे बहुत कुछ सीखते हैं।

उन्होंने विशेषज्ञों से कहा कि आपने दो दिनों तक जो भी मंथन करते हुए निष्कर्ष निकाला है उसे किसानों की भलाई के उपयोग में लाए। प्रो. नवीन ने विशेषज्ञों से कहा कि फसलों में आने वाली बीमारियों के समाधान के लिए छोटी-छोटी विडियो किल्पस बना कर विशेषज्ञ उसे सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचाए। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा क्योंकि अब किसान भी सोशल मीडिया पर सक्रियता से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते है।

विशिष्ट अतिथि, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ एम सी राणा, पादप रोग विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ डी के बनियाल, भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ सतीश शर्मा, डॉ सुमन कुमार, डॉ शिखा शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं पल्लवी, सौम्या, मुकेश, सलोनी, अभिषा, निताशा, शलाखा, रिया, रवि कुमार, विशाल आचार्य, अक्षय, कविता, चिंतवान, दिव्या, आशिया नबी को मुख्य अतिथि प्रो. नवीन कुमार और विशिष्ट अतिथि प्रो. बृज मोहन सिंह द्वारा पुरस्कृत किया गया।

दो दिवसीय संगोष्ठी भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी (आईपीएस) उत्तरी क्षेत्र और हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। इस दौरान कृषि महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ बी. एम. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद शर्मा, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ मान चंद राणा,  संविधिक अधिकारी, वैज्ञानिक और विद्यार्थियों के साथ नई दिल्ली, पंतनगर, जम्मू और कश्मीर, सोलन, लुधियाना, अमृतसर और पालमपुर के कुल 170 प्रतिभागी मौजूद रहे।