हिम न्यूज़ शिमला। भाजपा की विधायक त्रिलोक जमवाल ने विधानसभा में चर्चा के दौरान सरकार पर आरोप लगाया की राज्यपाल भाषण के पहला अध्याय की झूठ से शुरुआत की गई। कांग्रेस कह रही है 6 गारंटिया पूरी हो गई है, पर एक भी गारंटी पूरी नहीं हुई है। कांग्रेस प्रदेश के 136000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की बात करती है पर अधिकतम कर्मचारियों से इस स्कीम के लिए सरकार ने 15 लाख प्रति कर्मचारी सरकारी खजाने में ले लिए है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2003 के अनुबंध कर्मचारी को दिए गए लाभ वापस लेने की बात की और इसके लिए एक्ट भी लाया पर कल ही उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी वर्तमान कांग्रेस सरकार केवल मात्र कर्मचारी हितैषी होने का नाटक कर रही है। जमवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार महिलाओं को 1500 प्रति माह देने की बात करती है पर प्रदेश में 23 लाख महिलाओं के आंकड़े में से केवल 30000 महिलाओं को 1500 देने का आंकड़ा बताती है, पर इनको भी सरकार ने कटघरे में खड़ा कर दिया और अब पंचायत का प्रधान इनकी जांच करके इनको अनुमति देगा। यह निर्णय तो पंचायत के प्रधानों के लिए भी आफत बन गया क्योंकि उनके चुनाव भी सर पर है, हमें कांग्रेस को याद दिलाना चाहते हैं कि वादा कांग्रेस पार्टी ने किया था ना की पंचायत के प्रधानों ने। लोकसभा चुनाव में तो अपने तीन किश्तें जमा कर दी पर उसके बाद महिलाओं के खातों में इस राशि को रोक दिया गया।सरकार तो केवल एक लक्ष्य से कम कर रही है कि ना रहेगा बांस न बजे की बांसुरी।
त्रिलोक ने सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि सत्ता के आखिरी साल में निर्णय वापस लेने का ट्रेंड तो आपने ही शुरू किया है, जिसके अंतर्गत भाजपा द्वारा खोले गए 2000 संस्थाओं को बंद कर दिया गया। तो अब आपके पौने दो साल रह गए हैं और अगर आप कोई बड़ा निर्णय लेते हैं तो वह भी मान्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार झूठ बोलने में माहिर है राज्यसभा चुनाव में जिसमें भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार की जीत हुई, उसमें भी कांग्रेस के नेता झूठ बोलते हैं कि सिक्का उछाला गया और जीत हासिल की गई। पर मैं स्वयं चुनाव अधिकारी था और पर्ची के माध्यम से चुनाव हुआ पर कांग्रेस में तो एक झूठ बोलता है तो उसके पीछे सब झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। आपने यानी मुख्यमंत्री कहा था की विधायक निधि 13 लाख से 14 लाख होगी पर ऐसा नहीं हुआ, प्रदेश में विकास ठप है विकास दर घट रही है, एक्साइज में अपने 45% बढ़ौतरी की बात की थी पर ट्रेजरी में तो केवल 4% पैसा ही जमा हुआ है।
त्रिलोक ने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार का प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ने में बहुत बड़ा योगदान है, 2 वर्षों में 30000 करोड़ का ऋण ले लिया गया यहां तक की कर्मचारी के जीएफ पर भी ऋण लिया गया। अब तो केंद्र से आए पैसे को भी ट्रेजरी में जमा कराया जा रहा है। रेलवे के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण के लिए 975 करोड रुपए आए वह भी अपने ले लिए, अब तो जिस भूमि का फैसला होना था उसके भुगतान के लिए भी पैसे नहीं बचे। हिमाचल एवं बिलासपुर वासियों को दुख है की राज्यपाल के भाषण में एम्स का जिक्र तक नहीं किया गया, आपको अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए कि आप एम्स को चलाना भी चाहते हैं या नहीं।