हिम न्यूज़ ऊना। उप मुख्यमंत्री मुकेश अगिनहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षा ढांचें में व्यापक बदलाव हुआ है। प्रदेश में राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर के कई नामी संस्थान स्थापित हुए हैं जिनके चलते जहां प्रदेश के युवाओं को इन संस्थानों में उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध हुए हैं तो वहीं प्रदेश का शैक्षणिक ढांचा भी सुदृढ़ हुआ है। उप मुख्यमंत्री आज हरोली विधानसभा क्षेत्र के पालकवाह में द न्यूज़ रडार इंग्लिश न्यूज़ नेटवर्क द्वारा आयोजित शाइनिंग ऑवार्ड समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
इस समारोह में जिला ऊना के विभिन्न शिक्षा बोर्डों द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले लगभग 50 स्कूलों के 300 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर उपायुक्त ऊना जतिन लाल भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय फैशन डिज़ाईनिंग तकनकी संस्थान(आईआईएफटी), भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान(आईआईटी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स), भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम), भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान(ट्रिपल आईटी) विभिन्न मेडिकल कॉलेज़ व पीजीआई चंडीगढ़ का सैटेलाईट सेंटर जैसे कई संस्थान स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षा ढांचे में हो रहे इन व्यापक बदलावों का जहां प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे है तो वहीं बच्चों को प्रोत्साहित करने का भी कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बच्चों से जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारण कर कड़ी मेहनत करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जीवन में आगे बढ़े तथा कई अभिभावक बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं। ऐसे में उन्होंने बच्चों से कहा कि वे कदम आगे बढ़ाए तथा दुनिया को पहचानने का प्रयास करें ताकि वह अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर सकें।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जिला के ये प्रतिभावान बच्चे प्रदेश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बच्चों से नशे के खिलाफ महौल बनाने में भी अपना सहयोग प्रदान करने का आहवान किया। साथ ही चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशा आज प्रदेश के दूर-दराज और जन-जातीय क्षेत्रों तक अपने पांव पसार चुका है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जहां प्रदेश सरकार सख्ती से कार्य कर रही है तो वहीं नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तथा पुलिस को नशे के सौदागारों के खिलाफ कड़े कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों के साथ अपनी बात साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में आय सृजन के साधन सीमित है तथा प्रदेश पर भारी भरकम कर्जे का बोझ है। ऐसे में आय सृजन में नई-नई संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में ही मनचाहा वाहन नम्बर प्राप्त करने के लिए खुली बोली के माध्यम से सरकार को लगभग 15 करोड़ रूपये की आय प्राप्त हुई है। प्रदेश में 22 हज़ार मेगावॉट पन विद्युत दोहन की क्षमता है जिसमें से लगभग 11 हज़ार मेगावॉट पन विद्युत क्षमता का दोहन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम हिमाचल प्रदेश की लाईफ लाईन है तथा प्रदेश के दूर-दराज व आखिरी गांव तक बस सुविधा उपलब्ध हो इस दिशा में भी कार्य कर रही है। भले ही इससे एचआरटीसी को घाटा सहन कर पड़ रहा है।
पिछले 25 वर्षों के लगातार प्रयासों से शिक्षा का हब बनकर उभरा हरोली
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह पहली बार विधायक बने तो हरोली में मूलभूत शिक्षा प्राप्त करने के संस्थान उपलब्ध नही थे। लेकिन लगातार प्रयासों से जहां हरोली में आज 33 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं कार्यरत हैं तो वहीं उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने को 3 डिग्री कॉलेज़ स्थापित किए हैं। तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 2 आईटीआई खोली गई हैं। उन्होंने कहा कि पालकवाह में 25 करोड़ रूपये की लागत से स्थापित कौशल विकास केंद्र को सुदृढ़ बनाने के लिए भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान सलोह के साथ एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ है जिसके तहत आने वाले समय में यहां प्रति वर्ष 2 हज़ार युवाओं को कौशल विकास की शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी तो वहीं संस्थान के ढांचे को भी मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में कानून और नर्सिंग जैसे शिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं। इसके अलावा सलोह में केंद्रीय विद्यालय भी खोला गया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हरोली विस क्षेत्र में हुए इस व्यापक बदलाव के चलते सबसे ज्यादा लाभ यहां की बेटियों को हुआ है तथा घर के समीप ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने जिला में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि 250 करोड़ रूपये की लागत से माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर परिसर का विकास किया जा रहा है जिसमें 75 करोड़ की लागत से रोप-वे का निर्माण कार्य शमिल है। उन्होंने कहा कि दर्शन पर्ची प्रणाली आरंभ करने से अब तक मंदिर न्यास को लगभग 6 करोड़ रूपये की आय प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि हरोली-रामपुर पुल के बाद अब 52 करोड़ रूपये की लागत से पंडोगा-त्यूड़ी पुल तथा लोहारली पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के मंदली में 944 करोड़ रूपये की लागत से पुल का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि ऊना में किसानों का आलू फसल के प्रति अधिक रूझान व उत्पादन को देखते हुए आलू आधारित उद्योग स्थापना की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला ऊना में भू-जल स्तर नीचे गिर रहा है ऐसे में पानी की जरूरतों को पूर्ण करने के लिए आने वाले समय में भाखड़ा और पौंग डैम से पानी की योजनाएं निर्मित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। साथ ही कहा कि हमारे तालाब भू-जल स्तर को रिचार्ज़ करने में अहम भूमिका निभाते हैं तथा जंगली जानवरों एवं अन्य पशु-पक्षिुओं के लिए पीने का पानी उपलब्ध करवाते हैं। उन्होंने जिला में ऐसे किसी भी पुराने प्राचीन तालाब को बंद कर अन्य दूसरी किसी प्रकार की गतिविधि न चलाने बारे लोगों को जागरूक करने पर बल दिया। साथ ही जिला प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के भी निर्देश दिए।