73वें और 74वें संविधान संशोधन से बदली लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकताः मुख्यमंत्री

हिम न्यूज़,शिमला-मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदल रही है, जिसमें 73वें और 74वें संविधान संशोधन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, जिससे समाज में लड़कियों के प्रति धीरे-धीरे दृष्टिकोण बदला और आज हिमाचल प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं में 56 प्रतिशत महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब महिलाओं को विधानसभा और संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का बिल संसद द्वारा पास किया गया है, जिसका सभी दलों ने समर्थन किया है।

The mentality of the society towards girls changed with the 73rd and 74th constitutional amendments: Chief Minister
गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम 1994 के तहत आज शिमला में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआरएस डाटा 2018-20 के अनुसार हिमाचल प्रदेश मेंलिंगानुपात 950 है, जो देश में तीसरे स्थान पर है तथा हमें पहले स्थान पर आने का लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है।मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने वाले 35 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए करने तथा दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन पर मिलने वाले 25 हजार रुपए की राशि को एक लाख रुपए करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। शिक्षा से लेकर सेना तथा अन्य क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदों और पुराणों में भी महिलाओं को अधिक सम्मान और महत्व दिया गया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों को घर-द्वार पर गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बड़े स्तर पर सुधार कर रही है। आधुनिक तकनीक को समाहित करके लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों पर बोझ कम करने के लिए ब्लॉक स्तर के संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रयास के तहत 36 विधानसभा क्षेत्रों में 6-6 मेडिकल विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की है और जल्द ही 32 अन्य संस्थानों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मशीनें भी लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आधार से लिंक कर हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं, ताकि एक क्लिक पर व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री पता लग सके।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिनियम के तहत सोनोग्राफी मशीन का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के उपयोग से प्रतिभागी अपनी सुविधा अनुसार कहीं से भी पंजीकरण करवा सकते हैं, जिससे उनके समय की बचत होगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। साथ ही प्रत्येक आवेदन की वास्तविक समय स्थिति को ट्रैक करना भी संभव होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से एक सुरक्षित और प्रभावी डेटाबेस की सुविधा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।मुख्यमंत्री ने भ्रूण हत्या रोकने के दृष्टिगत बेहतर काम करने के लिए जिला चंबा के भरमौर, जिला शिमला के ननखड़ी और मंडी जिला के जंजहैली ब्लॉक को सम्मानित किया, जिनमें लिंगानुपात क्रमशः 1015, 1087 और 996 है।इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने भू्रण जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आज समाज में लड़कियों के प्रति नज़रिया बदल रहा है। उन्होंने कहा कि लिंग जांच पर बनाए गए कानूनी प्रावधानों का हिमाचल प्रदेश में सख्ती से पालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में लिंगानुपात अच्छा है तथा इसे और अधिक बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। इसके लिए निरंतर जागरूकता अभियान भी राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से बालिका प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार अनेक योजनाएं चला रही हैं।इस अवसर पर विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, विशेष सचिव स्वास्थ्य नीरज कुमार, विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।