उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर हिमाचल के आड़ में प्रदेश सरकार जनता पर महंगाई का बोझ डालने का काम कर रही है। हिमाचल के राशन डिपों में उपभोक्ताओं को मलका 2 रुपये महंगी, खाद्य आपूर्ति निगम ने मलका के रेट तय किए हैं। अब बीपीएल उपभोक्ताओं को मलका 58 रुपये, एपीएल को 68 और करदाताओं को 92 रुपये किलो मिलेगी जबकि अगले महीने बीपीएल उपभोक्ताओं को मलका 56 रुपये, एपीएल को 66 और करदाताओं को 91 रुपये दाल उपलब्ध कराई गई थी।
वंदना योगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं और इन्हें प्रदेश सरकार की ओर से डिपो में तीन दालें, दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और एक किलो नमक सब्सिडी पर दे रही है। गेंहू और चावल केंद्र सरकार मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश सरकार को जनता को राहत देनी चाहिए वहीं सरकार जनता को परेशान करने का काम कर रही है। यह मुख्यमंत्री सुक्खू ही है जिन्होंने प्रदेश में न्यूनतम बस किराया 5 से सीधा 10 रु कर दिया, ग्रामीण क्षेत्र को जनता इस निर्णय से परेशान है पर सरकार सो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में न्यूनतम बस किराया 5 से बढ़ाकर 10 रुपये लागू कर दिया है। सरकार ने न्यूनतम किराये में दोगुना बढ़ोतरी करने की अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश सरकार ने 5 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में न्यूनतम बस किराया 10 रुपये लागू करने का फैसला लिया था। जनता में विरोध के चलते भी कैबिनेट के फैसले के 14 दिन बाद सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सरकार को जनता से कुछ लेना देना नहीं है, लेना देना है तो अपने आप से और अपने मित्रों के लिए।