तकनीकी विवि के विद्यार्थियों ने मनाया विश्व विरासत दिवस

हिम न्यूज़ हमीरपुर। देश-प्रदेश के पुराने मंदिर, स्मारक व किले हमारी प्राचीन वास्तुकला के प्रमाण है। वर्तमान युवा पीढ़ी को ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर अध्ययन करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इन स्थलों के महत्व के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।

यह बात हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशि कुमार धीमान ने विश्व विरासत दिवस पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही।

 

तकनीकी विवि के पर्यटन विभाग की ओर से विश्व विरासत दिवस पर “हमारी संस्कृति-हमारी पहचान” थीम पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन विद्यार्थियों ने धरोहर स्थलों के मॉडल की प्रदर्शनी लगाई, जिसका कुलपति व अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो जयदेव ने अवलोकन किया।

इससे पूर्व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि यह दिवस पहली बार 1983 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा मनाया गया था। विश्व विरासत दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और विविधता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है।

उसके बाद से स्मारकों और स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय परिषद ने एक विषय निर्धारित किया है और हर साल इसे अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। भारत में लगभग 3691 ऐसे स्मारक व स्थल हैं, जिसमें से 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में नामित हैं।

जिसमें खुजराहो मंदिर, सुर्य मंदिर, कोणार्क, उड़ीसा, अजंता की गुफाएं और एलोरा की गुफाएं शामिल हैं। विश्व धरोहर स्थलों में असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्राकृतिक स्थल भी शामिल हैं।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी कई ऐतिहासिक धरोहर स्थल है, जिसमें शिमला-कालका व कांगड़ा रेल लाइन, कांगड़ा किला, बैजनाथ मंदिर, ऐतिहासिक धरोहर गांव परागपुर आदि सहित कई धरोहर स्थल शामिल है। ऐसे स्थलों का सभी को भ्रमण करना चाहिए।

अंत में कुलपति ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रथम स्थान हासिल करने पर तकनीकी विवि के पर्यटन विभाग की टीम को सम्मानित किया। विजेता टीम में श्रद्धा गोयल, पल्लवी शर्मा, नेहा शर्मा, बिपाशा व शिवानी गौतम शामिल थी। दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

विद्यार्थियों ने बनाए आकर्षक मॉडल

तकनीकी विवि के पर्यटन विभाग ने अपनी कला व शिल्प का प्रदर्शन करते हुए आकर्षक मॉडल बनाए।  तरुण ठाकुर ने हिमाचल के पुराने भवनों, नैंसी ने खिलौना ट्रेन, अरविंद, कमल किशोर व दिव्या राणा ने देवभूमि पेंटिंग, नैंसी, पल्लवी शर्मा, शिवानी, रितिका, हर्ष, धीरज ने श्री राम मंदिर, पुलकित व नेहा ने मधुबनी पेंटिंग, साहिल सामा व तरूण शर्मा ने कथकली डांस पेंटिंग, स्मृति शर्मा, प्रशांत, श्रद्धा गोयल ने इंडिया मैप मॉडल (सेल्फी प्वाइंट), रितिका ने साहसिक पर्यटन का मॉडल और नेहा, अरविंद, साहिल, तरुण, अंकिता, कमल व नितिका ने काराकोरम पर्वतमाला का शिल्प मॉडल बनाया।