हिम न्यूज़ नूरपुर। वन मंडल नूरपुर में जाइका वानिकी परियोजना के अतिरिक्त परियोजना से जुड़े सभी स्वयं सहायता समूहों को पंचसूत्रों का मंत्र पढ़ाया गया।
परियोजना के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज ने यहां आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक आर्थिकी कमाने के लिए आजीविका में सुधार करने के टिप्स दिए। उन्होंने एक आदर्श स्वयं सहायता समूह के लिए पांच सूत्र यानी रेगुलर मीटिंग, रेगुलर सेविंग, इंटरलोनिंग, समय पर ऋण अदायगी और सभी चीजों का रिकार्ड बनाए रखने बारे विस्तृत जानकारी दी। डीके विज ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना पिछले चार वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आजीविका कमाने और उनकी आर्थिकी में सुधार करने के लिए हरसंभव सहयोग कर रही है।
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से आहवाहन किया कि आजीविका में और सुधार करने के लिए जाइका वानिकी परियोजना से लाभ उठा सकते हैं। अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज ने कहा कि मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के अथक प्रयासों से ही आज हिमाचल में जाइका वानिकी परियोजना वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रही है। जिसका परिणाम आज सामने आने लगा है। नूरपुर वन मंडलाधिकारी संजीव कुमार ने यहां मौजूद स्वयं सहायता समूहों को जैव विविधता के बारे विस्तृत जानकारी दी। आजीविका एवं प्रशिक्षण की प्रोग्राम मैनेजर प्रिया ने यहां उपस्थित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सशक्त होकर अपनी आजीविका में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए। इससे पहले बीते बुधवार को वन परिक्षेत्र ज्वाली के तहत ग्रामीण वन विकास समिति बोलखास में स्वयं सहायता समूहों को बेहतरीन उत्पाद तैयार कर और आर्थिकी में सुधार करने बारे टिप्स दिए।
इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी, सेवानिवृत हिमाचल वन सेवा अधिकारी यशपाल घरनेरिया, विषय वस्तु विशेषज्ञ नूरपुर सुकृति शर्मा, एफटीयू कोऑर्डिनेटर प्रियंका, आयुषी व पल्लवी भी उपस्थित रहीं।