स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनावों के लिए पूरी चौकसी से कार्य कर रहा राज्य कर एवं आबकारी विभाग – डॉ. यूनुस

हिम न्यूज़ ऊना। हिमाचल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के मद्देनज़र किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग पूरी चौकसी से कार्य कर रहा है। विभाग ने राज्य के सीमावर्ती जिलों सिरमौर, सोलन के बद्दी, बिलासपुर, कांगड़ा और चम्बा में अवैध शराब और कीमती धातुओं को लेकर बडे़ स्तर पर छापेमारी की गई है। यह जानकारी राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क आयुक्त डॉ. यूनुस ने शनिवार को ऊना जिला मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी।

राज्य में 7 लाख लीटर से ज्यादा अवैध शराब पकड़ी
डॉ युनूस ने बताया कि हिमाचल में चुनावों के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता लागू होने के उपरांत अब तक लगभग पूरे राज्य में 7 लाख बल्क लीटर से ज्यादा अवैध शराब पकड़ी गई और 28 से ज्यादा एफआईआर रजिस्टर्ड की है। रजिस्टर्ड एफआईआर में पुलिस जांच में जुटी है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। राज्य में पकड़ी गई बल्क लीकर की कीमत लगभग 10.5 से 11 करोड़ रूपये के करीब है। उन्होंने बताया कि गत दिवस आबकारी विभाग की टीम ने नूरपुर के इंदौरा क्षेत्र में 8 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी के दौरान एक लाख 23 हजार लीटर बल्क में लाहन पकड़कर नष्ट की गई और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

डॉ यूनुस ने बताया कि चुनावों के दौरान कीमती मेटलस के काराबोरियों पर शिकंजा कसते हुए एक लाख 61 हजार रूपये के ई-वे बिलों की चैकिंग की है। चैकिंग के दौरान 62 लाख रूपये की पेनल्टी डाली है। उन्होंने बताया कि विभाग ने 59 उड़न दस्ते और 22 स्टैटिक दल बनाए हैं तथा प्रदेश में सभी जिलों के साथ-साथ सीमावर्ती राज्यों के आबकारी अधिकारियों व पुलिस के साथ समन्वय बनाकर अवैध शराब के कारोबार और गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई जारी है। विभाग की मोबाईल टीमें चौबीस घंटे सातों दिन निरंतर कार्य कर रही है।

डॉ युनूस ने बताया कि ऊना जिला में गत 6 दिनों में आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए अवैध वार और रेस्टॉरेंटस से भी अवैध शराब बरामद की है। दोषियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। स्थानीय आबकारी विभाग की टीम ने लगभग 3,09,69,042 रूपये की लगभग एक लाख 62 हजार बल्क लीटर अवैध शराब पकड़ी है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में अवैध शराब और कर चोरी के मामलों में जीरों टॉलरेंस नीति अपनाई गई है तथा ऐसे कारोबार का पनपने नहीं दिया जाएगा।