शिमला में श्री सत्य साई यूनिटी रन का 5 नवंबर को आयोजन

हिम न्यूज़ शिमला। भगवान श्री सत्य साई बाबा के 100वें जन्म शताब्दी वर्ष के पावन अवसर पर, प्रेम, शांति और एकता का अमर संदेश जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से श्री सत्य साई यूनिटी रन का आयोजन 5 नवंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में श्री सत्य साई सेवा संगठन, हिमाचल प्रदेश द्वारा किया जा रहा है। यह रन केवल खेल भावना का प्रतीक नहीं है, बल्कि मानवता की आत्मा को एकसूत्र में पिरोने वाला एक चेतना उत्सव है — सेवा, साधना और संस्कार का संगम।

श्री सत्य साई बाबा की जन्मस्थली प्रशांति निलयम, पुट्टपर्ती (आंध्रप्रदेश) से 17 अगस्त 2025 को पाँच दिव्य मशालों का श्रीगणेश हुआ था। ये पाँच प्रेमदीप अब तक देश के 60 प्रमुख शहरों में पहुँच चुके हैं, जहाँ पर यूनिटी रन और राइड श्रृंखलाबद्ध रूप से आयोजित किए जा रहे हैं, जो युवाओं के अंतःकरण में आध्यात्मिक उत्कर्ष और सामाजिक जागरूकता का प्रकाश प्रज्वलित कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में 26 अक्टूबर 2025 को आयोजित यूनिटी रन अभूतपूर्व सफलता का परिचायक रहा, जिसमें 897 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अब यह पवित्र अग्नि प्रेम, शांति और एकता का उजाला फैलाते हुए शिमला के ऐतिहासिक मंच पर पहुँचने जा रही है।

आयोजन विवरण
– तिथि: 5 नवंबर 2025
– समय: प्रातः 9:00 बजे
– स्थल: रिज मैदान, शिमला
– दौड़ की श्रेणियाँ: 3 किमी, 5 किमी, 10 किमी
– आयु सीमा: 15 वर्ष से अधिक (महिला व पुरुष दोनों)
सभी इच्छुक प्रतिभागी 29 अक्टूबर 2025 तक निर्धारित ऑनलाइन लिंक https:sssunityrun.ssssoindia.org/ या QR कोड के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। यह पंजीकरण पूर्णतया निशुल्क रहेगा। प्रतिभागियों को आकर्षक टी-शर्ट, बिब नंबर, पदक, ई सर्टिफिकेट एवं रिफ्रेशमेंट प्रदान किए जाएंगे।

श्री सत्य साई सेवा संगठन, हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष प्रो योगिंदर वर्मा ने कहा कि निःस्वार्थ सेवा और मानवीय मूल्यों को समर्पित यह आयोजन केवल एक फिटनेस रन नहीं, बल्कि आत्मजागृति का आंदोलन है, जो प्रत्येक हृदय में प्रेम और समरसता की ज्योति प्रज्वलित करेगा।” उन्होंने प्रदेश के युवाओं, स्वयंसेवकों और नागरिकों से इस दिव्य अभियान का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा कि यह आयोजन एक स्वस्थ शरीर, शांत मन और एकजुट समाज की दिशा में प्रेरक कदम है। यह एक ऐसा आंदोलन है जो मानवता की असली पहचान को उजागर करता है — प्रेम में एकता, एकता में शक्ति, और शक्ति में परम शांति।