हिम न्यूज़ ऊना। सड़क दुर्घटनाओं के प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं जिसकी मुख्य वजह मानवीय भूल के साथ साथ मानवीय लापरवाही भी है। इसलिए आमजन को सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के वारे में जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ द्वारा एक विशेष जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 20 से 30 नवंबर 2023 तक चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य निकट भविष्य में सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाना है ताकि हिमाचल प्रदेश को दुर्घटना मुक्त राज्य बनाया जा सके।
यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हरोली विधानसभा के गांव बाथू में सड़क सुरक्षा के बिषय में जागरूकता अभियान के शुभारंभ अवसर पर दी।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 3000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तथा पुलिस विभाग से जुड़ी कानूनी जटिलताओं के चलते लोग दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से बचते हैं इसलिए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 5 हजार रुपए दिए जाएंगे तथा उसके खिलाफ पुलिस विभाग में किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से सरकार द्वारा ई वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा तथा खरीदे वाहन को अगले 4 वर्ष की निश्चित अवधि के लिए सरकार 50 से 70 हजार रुपए (वाहन के आकार व क्षमता के अनुसार) तक के मासिक किराए पर लिया जाएगा तथा उनका उपयोग सरकार के विभिन्न विभागों में नकारा हो रहे वाहनों के स्थान पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ट्रक ऑपरेटरों की मांग पर प्रदेश सरकार ने ट्रकों की देय राशि को आगामी 31 मार्च तक बिना ब्याज व जुर्माना के लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार ने सभी प्रकार के वाहनों के टैक्स में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है तथा पूर्व निर्धारित दरों पर ही सभी प्रकार के वाहनों का टैक्स वसूल किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा एआरटीओ तथा पुलिस विभाग के हेड कांस्टेबल द्वारा किए जाने वाले चालानो को मौके पर ही भुगतने के लिए अधिकृत कर दिया है ताकि लोगों को चालान भुगतने के लिए कोर्ट के चक्कर न काटने पड़े।
उप मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व वाहन धारकों व चालकों के लिए सड़क सुरक्षा चिन्ह व संकेतवली तथा सड़क सुरक्षा जानकारी एवं मार्गदर्शिका संकेतवली नामक दो पुस्तकों के अलावा विभिन्न सड़क सुरक्षा विषयों पर आधारित चार प्रकार की विवरण पुस्तिका और सात पंफलेटस, 2022 के दुर्घटना ब्यूरो की एक पुस्तिका तथा नेक व्यक्ति व स्वर्णिम घंटा बिषय पर आधारित बन बोर्ड का विमोचन भी किया।
10 दिवसीय अभियान के दौरान किया जाएगा लोगों को जागरूक
उन्होंने बताया कि 20 नवम्बर को मदिरा व अन्य मादक पदार्थों का सेवन करके गाड़ी न चलाने हेतू जागरूक किया जाएगा। 21 नवम्बर को बस चालकों व परिचालकों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
22 नवम्बर को नए चालकों को तथा 23 नवम्बर को स्कूल बसों में कार्यरत चालकों व परिचालकों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। 24 नवम्बर को जनरल एनफोर्समेंट एक्टिविटि व 25 नवम्बर को सड़क सुरक्षा चिन्हों की जानकारी और उनके अर्थ के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
26 नवम्बर को सीट बेल्ट व हेल्मेंट की अनिवार्यता व गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जाएगा। 27 नवम्बर को पुलिस विभाग द्वारा बसों व मालवाहक गाडियों में ओवर लोडिंग के प्रति जागरूकता अभियान चलाएगा। 28 नवम्बर को नेक व्यक्ति (गुड समारटीयन) व स्वर्णिम घंटा (गोल्डन हावर) के बारे में जागरूकता अभियान चलाएगा।
29 नवम्बर को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों व कालेजों के छात्रों को स्थानीय थाना प्रभारियों की देखरेख में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। 30 नवम्बर को ओवर स्पीडिंग, मोटर वाहन अधिनियम व नियमों के उल्लंघन के बारे में व किशोरों द्वारा ड्राईविंग न करने के प्रति विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस विशेष अभियान के दौरान जिला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी स्तर पर और अपने-अपने जिलों में पुलिस, लोकनिर्माण विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर सड़क सुरक्षा जागरूकता गतिविधियां करेगा। इसके अतिरिक्त सभी जिला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अपने जिलों के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के अनुदेशकों व उनके प्रशिक्षुओं को भी जागरूक करेंगे साथ ही मोटर वाहन डीलर्स को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा।
इस दौरान शिक्षा विभाग 139 कॉलेजों व 1978 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतू विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा जैसे सड़क सुरक्षा पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, व स्लोगन रॉईटिंग प्रतियोगिता आदि। अभियान के दौरान स्वास्थय विभाग ट्रॉमाकेयर, (ज्तंनउं ब्तम) एमरजैसी रिसपांस की ट्रैनिंग डॉक्टर, पैरामैडिक व स्टॉफ नर्सों को दी जाएगी ताकि वह सड़क दुर्घटना पीडितों को समय रहते अच्छा उपचार दे सकें। यह कार्यशाला सी० एम० ओ० द्वारा जिला स्तर पर की जाएगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा खंण्ड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यशालाओं में लोकनिर्माण विभाग के इंजीनियर, आर्कीटेक्ट व सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदारों को सड़क निर्माण हेतू जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यमों से भी सड़क सुरक्षा बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी जिला उपायुक्त 28 नवंबर को सड़क दुर्घटनाओं व सड़क सुरक्षा जागरूकता की समीक्षा बैठक करेंगे तथा अपने अपने जिलों में सड़क दुघर्टनाओं के कारणों व रोकथाम के लिए इंजिनियरिंग, एनफोर्समेंट व अन्य विकल्पों पर चर्चा करने के उपरांत आवश्यक सुझावों को परिवहन विभाग के सड़क प्रकोष्ठ को भेजेंगे।