हिम न्यूज़ शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले दुकानदारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना को विस्तारित किया है। इसके तहत प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों में मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शहरी को शुरू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से यह योजना वर्ष 2023 में शुरू की गई थी। वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के अनुरूप अब इस योजना को शहरी क्षेत्रों में विस्तारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अपने कारोबार को विस्तार प्रदान करने के लिए छोटे दुकानदारों को वित्तीय सहायता की कमी का सामना करना पड़ता है। बैंक ऋण चुकाने में असमर्थ रहने के कारण कई दुकानदारों के खाते एनपीए में बदल जाते है। छोटे व्यापारियों के समक्ष आने वाली इन चुनौतियों के निवारण के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस योजना का लाभ शहरी क्षेत्र के छोटे व्यापारियों को प्रदान करने का निर्णय लिया है।
योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में छोटे दुकानदारों जिनका वार्षिक कारोबार 10 लाख रुपये से कम है और जिन्होंने बैंकों से व्यवसायिक ऋण लिए है तथा जिनके खाते एनपीए घोषित किए जा चुके हैं उनको वन टाइम सेटलमेंट के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत सरकार द्वारा बैंक के माध्यम से एक लाख रुपये तक की एकमुश्त निपटान सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लाभार्थियों पर मूलधन व ब्याज सहित कुल बकाया राशि एक लाख रुपये तक है, उनका पूरा निपटान योजना के अंतर्गत किया जाएगा। जिन मामलों में बकाया राशि एक लाख रुपये से अधिक है। इस स्थिति में लाभार्थी द्वारा शेष राशि स्वयं जमा करवानी होगी और राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपये की वन टाइम सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक द्वारा लिया गया अधिकतम ऋण 10 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस योजना को पारदर्शिता और सरल तरीके से तैयार किया गया है। शहरी स्थानीय निकायों, बैंकों, एक नोडल बैंक तथा शहरी विकास विभाग को शामिल करते हुए एक पारदर्शी संस्थागत व्यवस्था तैयार की गई है, ताकि दावों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मध्यवर्ती अवधि में ब्याज के बोझ को हटाकर तथा किसी भी प्रकार का प्रोसेसिंग या प्रशासनिक शुल्क न लगाकर राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि योजना का अधिकतम लाभ छोटे दुकानदारों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस योजना से शहरी क्षेत्रों में काम कर रहे छोटे फल एवं सब्जी विक्रेता, चाय स्टॉल और ढाबा संचालक, नाई, पान विक्रेता, मोची, चाट विक्रेता, गैरेज मालिक, दर्जी, किराना दुकानदार, मोबाइल मरम्मत करने वाले, रेहड़ी-पटरी वाले और अन्य छोटे खुदरा दुकानदार लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025 के बीच लिए गए बिना जमानत के (कोलेटरल-फ्री) व्यवसायिक ऋणों पर लागू होगी।जानबूझकर ऋण न चुकाने, धोखाधड़ी या कदाचार से जुड़े मामलों को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों की पहचान बैंक करेंगे, ताकि केवल पात्र लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिल सके।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके अतिरिक्त आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और परिवार का कोई भी सदस्य नियमित सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं होना चाहिए। आवेदन संबंधित शहरी स्थानीय निकाय में जमा किए जाएंगे। सत्यापन के बाद आवेदनों को बैंकों को भेजा जाएगा। बैंक मासिक आधार पर नोडल बैंक के माध्यम से शहरी विकास विभाग को ओटीएस दावे भेजेंगे और आवेदकों से किसी प्रकार का प्रोसेसिंग अथवा प्रशासनिक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना छोटे दुकानदारों को अपने ऋण चुकाने, एनपीए खातों को बंद करने, व्यवसाय को विस्तार प्रदान करने और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे राज्य की शहरी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।