सात दिवसीय अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा  संम्पन

हिम न्यूज़,कुल्लू-अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने  कुल्लू दशहरा में शामिल देवताओं के नज़राने में पांच प्रतिशत तथा बजंतरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत बृद्धि की घोषणा की।उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा का इतिहास गहरा और पौराणिक है। कुल्लू दशहरा   कुल्लू जिले के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक आस्थाओं का अनूठा संगम है। जो कुल्लू दशहरे को देश में मनाए जाने वाले अन्य उत्सव  से पूर्णतया अलग करता है। वर्ष 1660 ईस्वी से आरंभ हुआ यह उत्सब कुल्लू जिला सहित प्रदेश की समृद्ध संस्कृति व परम्पराओं के सरक्षण व संवर्धन में अहम भूमिका निभा रहा है।Seven-day international Kullu Dussehra concludes

पठानिया ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से सभी जिलों विशेषकर  कुल्लू और मनाली में बहुत नुकसान हुआ है,  ऐसे लगता था कि हम इस प्राकृतिक आपदा से कैसे उभरेंगे।परन्तु  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुख्खू की दृढ़ इच्छाशक्ति से हम इससे उभरने में सफल हुए है। प्रदेश सरकार ने आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों को हर सम्भव राहत प्रदान करने का पूर्ण प्रयास किया है।उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह एक अच्छी बात है,आपदा के बावजूद भी  हम सब अपनी संस्कृति से पूर्णता  से जुड़े हुए हैं। इसे सहेजने  के लिए लगातार प्रयास  करते रहते हैं। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं ।

हमारा प्रदेश देवी देवताओं का प्रदेश है यहां हर जिले की अपनी संस्कृति है और इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि प्रदेश के हमारे प्रथम मुख्यमंत्री डॉक्टर वाईएस परमार के बाद आजतक जो मुख्यमंत्री हुए हैं उन सभी ने अपने-अपने समय में प्रदेश के विकास के लिए पूरे प्रयास करने की कोशिश की है।पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल के आधारभूत ढांचे को तैयार करने में अभूतपूर्व प्रयास किया गया था,जो कि यहां की देव संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम था।आपदा की इस घड़ी में जब प्रदेश में 12 हज़ार करोड़ से अधिक का नुकसान और सीमित संसाधनों के बावजूद सरकार ने लोगों को राहत देने  का प्रयास किया है।वर्तमान सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाकर  लोगों को लाभ देने का प्रयास किया है। आज सुखाश्रय योजना का लाभ प्रदेश के गई लाभार्थी ले रहे हैं।

मुख्य संसदीय सचिव एवं अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि कुल्लू जिला अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए देश भर में जाना जाता है उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल्लू दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए भरसक  प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू के निर्देशानुसार कुल्लू दशहरा को भव्यता प्रदान की गई तथा इस वर्ष 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय  सांस्कृतिक दल कुल्लू दशहरा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू के नेतृत्व में कुल्लू जिला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक पग उठाए गए हैं।सांसद प्रतिभा सिंह, मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने भी इस अवसर पर संबोधित किया ।उपायुक्त एवं अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष आशुतोष गर्ग ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गण मान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने सात दिवसीय दशहरा उत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर आयोजित कुल्लू कार्निवाल में जिले की लगभग 2000 से  अधिक महिला मंडल की सदस्यों ने पारंपरिक कुल्लू भेषभूषा  नाचते गाते भाग लिया। विभिन्न विभागों की विकासात्मक झांकियां उत्सव का मुख्य  आकर्षण रही।इस अवसर पर एपीएमसी के अध्यक्ष मियां  राम सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार, नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत , जिला कांग्रेस अध्यक्ष सेस राम आज़ाद,महिला कांग्रेस अध्यक्ष अरुणा, बुद्धि सिंह ठाकुर ,पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा व अन्य गण मान्य व्यक्ति उपस्थित थे।