परिवहन विभाग ने डेढ़ साल में कमाए 1236.53 करोड़ रुपयेः मुकेश अग्निहोत्री  

हिम न्यूज़, शिमला:उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि परिवहन विभाग ने बीते डेढ़ वर्षों के भीतर राजस्व अर्जन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 912.18 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों, अप्रैल से जुलाई में 324.35 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। विभाग ने रिकॉर्ड 16 महीनों की अवधि में कुल 1236.53 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह विभाग की पारदर्शी, सुधारात्मक और दक्ष कार्य प्रणाली का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के नीतिगत फैसलों से इस उपलब्धि को हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की भूमिका केवल वाहनों के संचालत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक धारा को गति देने वाला एक प्रमुख स्तंभ है। विभागीय पारदर्शिता, कर संग्रहण की तकनीकी प्रणाली में सुधार, और जन-सुविधाओं के डिजिटलीकरण को प्राथमिकता प्रदान की गई जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत परमिट, लाइसेंस और पेनल्टी के माध्यम से 160.28 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। राज्य मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत टोकन टैक्स, कंपोजिट फीस, स्पेशल रजिस्ट्रेशन शुल्क, एसआरटी और ग्रीन टैक्स के माध्यम से 712.82 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई। इसके अतिरिक्त अन्य शुल्कों और ग्रीन टैक्स इत्यादि से 39.08 करोड़ रुपये प्राप्त किए गए।

इस वित्त वर्ष के चार महीनों में ही 324.35 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई है, जिसमें आईएमवी एक्ट के अंतर्गत 63.09 करोड़ रुपये, राज्य मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत 250.01 करोड़ रुपये और अन्य स्रोतों से 11.25 करोड़ रुपये अर्जित किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकता है।

उन्होंने बताया कि विभागीय ढांचे में तकनीकी सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। वाहन पंजीकरण, परमिट, टैक्स और निरीक्षण से जुड़ी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे कर चोरी की संभावनाएं कम हुई हैं और नागरिकों को घर-द्वार पर सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।

उप-मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल विभागीय दक्षता का प्रमाण है, बल्कि यह प्रदेश की वित्तीय मजबूती की ओर एक बड़ा कदम भी है।