हिम न्यूज़, शिमला : भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा की लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग को धमकी दी जा रही, जो अशोभनीय, अलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुरेश कश्यप ने कहा कि राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक संवैधानिक संस्था पर हमला कर महाराष्ट्र व कर्नाटक के चुनाव को कटघरे में खड़ा किया। राहुल गांधी कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दो हिस्से हैं, एक तकनीकी हिस्सा है जिसमें यह प्रश्न उठाया गया है कि कितने लोगों ने मतदान किया, किस प्रकार से वोटिंग हुई और किस पद्धति का इस्तेमाल किया गया। इस विषय को लेकर राहुल गांधी के मन में कुछ संदेह हैं। दूसरा हिस्सा राजनीतिक है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश की और पार्टी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए। तकनीकी विषय तो चुनाव आयोग से संबंधित है और मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है।
कश्यप ने कहा कि पहली बात यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने उन राज्यों में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की जहां उन्हें जीत मिली है। यह ‘मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू-थू’ वाली सेलेक्टिव अप्रोच भारत की जनता देख रही है। जब ये हिमाचल में जीतते हैं, तब चुनाव आयोग की प्रशंसा नहीं करते और तब फर्जीवाड़ा भी नहीं दिखता। तब ये न्यूट्रल हो जाते हैं। तेलंगाना में जीतते हैं, कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनता है, लेकिन उस समय राहुल गांधी ने यह नहीं कहा कि चुनाव आयोग ने गड़बड़ी की। जब भारतीय जनता पार्टी हारती है तो कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस आयोजित नहीं होती जिसमें राहुल गांधी ने यह कहा हो कि तेलंगाना में चुनाव आयोग ने फर्जीवाड़ा किया है? उस समय किसी पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता। जब कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 99 सीटें मिलती हैं, तब वो पूरे देश में जश्न मनाती हैं और कहती है कि देखो, कांग्रेस की जीत हुई। यदि कांग्रेस के अनुसार, देश का लोकतंत्र खत्म हो गया है और चुनाव आयोग पूरी तरह से समझौता कर चुका है, तो फिर कांग्रेस किस बात का जश्न मना रही थी? राहुल गांधी कहते हैं कि हमें अधिक सीटें मिली हैं, तो स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी में एक सेलेक्टिव आउटरेज दिखाई देती है। राहुल गांधी का यह व्यवहार उनके राजनीतिक हताशा की चरम सीमा को दर्शाता है। आज राहुल गांधी द्वारा जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, वे अत्यंत आपत्तिजनक हैं।