एस एफ आई का विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन

हिम न्यूज़, शिमला :एस एफ आई ने आज विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया और प्रदर्शन में ए बी वी पी के झूठे आरोपो का खंडन और विवि के प्रोफेसरों की राजनीतिक संलिप्तता को उजागर किया । 

एस एफ आई ने पिंक पैटल्स पर विरोध प्रदर्शन में ए बी वी पी द्वारा एस एफ आई के कार्यकर्ताओं पर लगाए गए आधारहीन आरोपों की कड़ी निंदा की। इस विषय पर कॉमरेड अंकिता ने बात रखते हुए कहा कि ABVP द्वारा एस एफ आई के कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप लगातार लगाए जा रहे हैं। ये केवल हमारे संगठन की प्रतिष्ठा को धूमल करने और परिसर में ABVP की अपनी विभाजनकारी और हिंसक रणनीतियों से ध्यान हटाने के लिए दुर्भावनापूर्ण बदनामी अभियान करार देता है। SFI का दावा है की ये आरोप न केवल निराधार है, बल्कि छात्रों के बीच SFI के प्रगतिशील और समावेशी एजेंडे के बढ़ते समर्थन को कमज़ोर करने के लिए ABVP की ये हताश चाल भी है।

ये घटना 11 मार्च को विवि में SFI के कार्यकर्ताओं पर ABVP द्वारा किये गए क्रूर हमले के बाद सामने आई है जब ABVP के सदस्यों ने तेज धार हथियारों से SFI के 6 कार्यकर्ताओं पर हमला किया ताकि SFI के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन को दबाया जा सके।

इस जघन्य कृत्य मे आठ ABVP कार्यकर्ता – भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 109 के तेहत हत्या के प्रयास के आरोप में 4 अप्रैल 2025 तक न्यायिक हिरासत में है।विशेष रूप से ABVP की छात्रा कार्यकर्ताएं भी इस अपराध में बराबर की भागीदार थी जिन्होंने हमले के दौरान छात्रों को अंधा करने के लिए पेप्पर स्प्रे का इस्तेमाल किया जिसके पश्चात छात्रों पर पत्थर बाज़ी भी की गयी। अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बजाए ABVP ने SFI के खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ कर दोष मढ़ने का रास्ता चुना है। इस पर बात रखते हुए कॉमरेड सरिता ने कहा कि हम छात्र समुदाय से अपील करते है की वे इस प्रचार को समझे और परिसर में लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने की कोशिश के रूप में पहचाने। SFI छात्रों की रक्षा और मूलभूत सुविधाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के अपने आंदोलन में अडिग हैं। जिसका ABVP ने हिंसक रूप में विरोध किया है।

ABVP के झूठ और हिंसक प्रवृति को उजागर करने के अलावा SFI का विरोध प्रदर्शन एक और चिंताजनक प्रवृत्ति जो की विवि के कुछ प्रोफेसरों की राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी, विशेष रूप से ABVP की बैठकों को सुविधाजनक और संचालित करने में उनकी भूमिका के लिए भी था। ये तथाकथित शिक्षक जिन्हें निष्पक्ष शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है, इसके बजाए वो लोग वि वि के अंदर एक विशेष राजनीतिक विचारधारा का प्रचार करने का काम कर रहे हैं।

एस एफ आई इन प्रोफेसरों के आचरण की तत्काल जाँच और सख्त कार्यवाही की मांग करती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके की विश्वविद्यालय नए नए विचारों के सृजन का स्थान है न की राजनीतिक साजिशों का अड्डा।

एस एफ आई का इतिहास छात्रों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। SFI अपने कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोपों और सोची समझी साजिशों के ज़रिए बदनाम करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस पर कॉमरेड सरिता ने कहा कि SFI विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह करती है कि इन मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन संज्ञान ले और गलत सूचना फैलाने वाले लोगों पर कारवाही करे और

SFI का मानना है विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसे गैर सामाजिक तत्वों के खिलाफ उचित कारवाही की जानी चाहिए ।

लोकतांत्रिक और प्रगतिशील माहौल को खराब करने की साजिशों को SFI बर्दाश्त नहीं करेगी और विश्वविद्यालय की बेहतरी और छात्र मुद्दों को उठाते हुए आंदोलन करेगी।