12 छात्रों के अवैध निष्कासन के विरोध में धरना

हिम न्यूज, शिमला।  एससफआई इकाई विश्वविधालय शिमला ने आज सुबह विश्वविधालय के गेट पर धरना प्रदर्शन किया ।
परिसर सचिव सन्नी सेकटा ने कहा कि अपनी स्थापना से लेकर अभी तक लगातार छात्र मांगों को लेकर लड़ रही है।

इसी कड़ी में जब एससफआई ने NEP के विरोध में विश्वविधालय में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया उस समय NSUI के कुछ आउटसाइडर गुंडे SFI के साथ लड़ने का तथा विश्वविधालय का माहौल खराब करने का प्रयास करते हैं। जब उस दिन वह उसमे कामयाब नहीं हो पाते तो 20 नवंबर 2023 को जब SFI NEP के विरोध में शांतिपूर्ण रूप से पर्चा बांट रही होती है तो वही NSUI के गुंडे गाड़ी में तेजधार हथियार लाकर SFI के तीन लोगों पर हमला कर देते है। जिससे छात्र बुरी तरह घायल होते हैं। जब SFI के छात्र अपनी आत्मरक्षा में अपना हाथ उठाते हैं तो विश्वविधालय प्रशासन सरकार के दवाब में आकर SFI के 12 छात्रों को विश्वविधालय से निष्कासित के दिया। SFI का मानना है कि यह निष्कासन पूरी तरह से अवैध है क्योंकि विश्वविधालय के ऑर्डिनेंस में यह साफ साफ लिखा है कि किसी भी छात्र को निष्कासित करने से पहले उसे विश्वविधालय द्वारा उसका पक्ष जानने के लिए नोटिस दिया जायेगा और छात्रों का पक्ष जानने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा परंतु विश्वविधालय प्रशासन ऑर्डिनेंस को दरकिनार करके अपनी तानाशाही दिखा कर छात्रों को अवैध तरीके से विश्वविधालय से निकाल देता है। छात्र दवाब के चलते जब विश्वविधालय प्रशासन छात्रों को उनका पक्ष रखने का मौका देता है तो जानबूझ कर फैसला लेने में लेट लतीफी करता है। हम जानते हैं की विश्वविधालय में परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं जिसमे परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 10 दिसंबर है। अगर विश्वविधालय की लेट लतीफी के कारण छात्र अपना परीक्षा फॉर्म नही भर पायेगा तो उनकी पूरी डिग्री पूरी नहीं हो पायेगी और उन्हे पुनः प्रथम सत्र में दाखिला लेना पड़ेगा जिससे उनके 2 साल बर्बाद हो रहे हैं । अतः SFI का साफ मानना है की प्रशासन जल्द से जल्द छात्रों का निष्कासन वापिस करे ताकि छात्रों का भविष्य खराब न हो।
SFI ने प्रशासन की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 10 दिसंबर से पहले छात्रों का निष्कासन रद्द नही होता है तो SFI सभी छात्रों को लामबंद करते हुए पी जी परीक्षाओ के समय भी एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी विश्वविधालय प्रशासन की होगी ।