हिम न्यूज़ शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने, प्रशासनिक कामकाज को सुव्यवस्थित करने तथा राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीबीएसई पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा का विस्तार राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार सीबीएसई स्कूलों के माध्यम से गुणवत्तायुक्त और समान शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा विभाग द्वारा सीबीएसई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है, जिसे जल्द ही प्रदेश मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अगले शैक्षणिक सत्र से 100 नए सीबीएसई स्कूल खोलने की योजना है, जिनमें से 94 स्कूलों के लिए मान्यता पहले ही मिल चुकी है, जबकि शेष को इस महीने के अंत तक मान्यता मिल जाएगी। सीबीएसई शिक्षकों के लिए अलग सब-केडर बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने 1427 जॉब ट्रेनी पदों के लिए लिमिटेड डायरेक्ट रिक्रूटमेंट (एलडीआर) टेस्ट 2025दृ26 की समीक्षा की और अधिकारियों को इसे समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। यह एलडीआर परीक्षा 22 फरवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी।
उन्होंने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण प्रगति की भी समीक्षा की। यह स्कूल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विद्यार्थियों के समग्र और भविष्योन्मुख विकास के दृष्टिगत स्थापित किए जा रहे है।
इन स्कूलों की स्थापना के लिए प्रदेश में 42 चिन्हित स्थानों के लिए 94.46 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इन स्कूलों में आधुनिक शैक्षणिक संरचना और उन्नत खेल सुविधाओं का विकास किया जा रहा है ताकि छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा और उनका समग्र विकास हो सके। शिक्षा मंत्री ने खेल सुविधाओं को मजबूत करने और प्रदेश के सभी नौ खेल छात्रावास में कोच के खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के निर्देश दिए।
रोहित ठाकुर ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के 389 सहायक प्रोफेसर पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसे आगे की कार्यवाही के लिए राज्य चयन आयोग को भेज दिया गया है। उन्होंने अन्य पदों की भर्ती में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों को विलय करने की प्रक्रिया में तेजी लाकर आवश्यकता अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स और गणित आदि विषयों के शिक्षक अंग्रेजी में पढ़ाने में सक्षम हों, इसके लिए शिक्षकों को कैप्सूल कोर्स करवाए जाने चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को छात्र परिवहन नीति तैयार करने को कहा। उन्होंने सभी पदोन्नत मुख्याध्यापकों को 31 दिसंबर तक अपनी नए पोस्टिंग स्थलों पर ज्वाइन करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानाचार्यों के लिए डीपीसी प्रक्रिया में भी तेजी लाने को भी कहा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बागवानी को वोकेशनल विषय के रूप में शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है। उन्होंने अगले शैक्षणिक सत्र से इसे शुरू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा। यह पहल राज्य सरकार की कौशल-आधारित और रोजगारोन्मुख शिक्षा की प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पीजीटी, डीपीई और कंप्यूटर शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए एलडीआर प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि इसे प्रदेश मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने विशेष रूप से सक्षम 187 जेबीटी और अन्य 194 शास्त्री पदों की लंबित भर्ती प्रक्रिया को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने राज्य में अगले महीने आयोजित होने वाले तीन राष्ट्रीय खेल आयोजनों की तैयारी की भी समीक्षा की। यह खेल प्रदेश में 10 वर्षों के उपरांत आयोजित किए जा रहे हैं। परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली, अवर सचिव मनजीत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।